कोलकाता, 10 सितंबर । राज्य में आरजी कर अस्पताल कांड को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस घटना के एक महीने पूरे होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने न्याय की मांग को लेकर मंगलवार को शिमला स्ट्रीट से श्यामबाजार तक न्याय संकल्प मशाल यात्रा निकाली। इसका उद्देश्य मुख्य दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और उन्हें कड़ी सजा दिलाने के साथ ही घटना के सबूत मिटाने के राज्य सरकार की कथित भूमिका के खिलाफ प्रदर्शन करना था।
मशाल यात्रा जब श्यामबाजार पांच माथा पहुंचने वाली थी तब पुलिस ने इसे रोक दिया। इसके बाद अभाविप कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। अभाविप कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए पुलिस की ओर हरी चूड़ियां फेंकी। यात्रा में शामिल अभाविप की राज्य सह-सचिव शिल्पा मंडल ने कहा कि आज इस घटना को तीस दिन हो चुके हैं लेकिन पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला है। अब हम न्याय मांगने नहीं बल्कि छीनने आए हैं। इस घटना पर चुप्पी साधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब लोगों का ध्यान त्योहारों की ओर मोड़ना चाह रही हैं। उन्होंने अस्पताल से सबूत मिटाकर जांच को शुरू से कमजोर कर दिया है। जिस दिन मुख्यमंत्री इस्तीफा देंगी और पीड़ित को न्याय मिलेगा, उसी दिन राज्य के लोग खुशी से त्योहार मनाएंगे।
अभाविप ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस मामले में निष्पक्षता से काम नहीं कर रही है और जानबूझकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए मशाल यात्रा को रोका।