कोलकाता, 10 सितंबर । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के मोयना में हुए भाजपा बूथ अध्यक्ष विजय कृष्ण भुइयां की हत्या के मामले में जांच तेज कर दी है। सोमवार रात एनआईए की टीम ने इस मामले से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी की और तलाशी अभियान चलाया।

हालांकि, एनआईए अधिकारियों ने सोमवार रात की कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है। इस मामले की जांच एनआईए को अप्रैल में कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल-न्यायाधीश पीठ, न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता के आदेश के बाद सौंपी गई थी।

शुरुआत में इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी, लेकिन पीड़ित के परिवार वालों ने राज्य पुलिस पर आरोप लगाया कि वे दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो तृणमूल कांग्रेस के सक्रिय सदस्य हैं। इसके बाद परिवार ने किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

विजय कृष्ण भुइयां का उनके घर से अपहरण कर लिया गया था और बाद में उनका शव पास के इलाके से बरामद हुआ। प्रारंभिक जांच के अनुसार, उनके सिर पर भारी और कुंद वस्तुओं से प्रहार किया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और अगले दिन पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति बन गई।

सुनवाई के दौरान, कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने राज्य पुलिस की जांच में गंभीर खामियों की भी बात कही थी। ऐसी ही एक खामी यह थी कि अपराध स्थल के पास एक कच्चे बम की बरामदगी की घटना को चार्जशीट में नहीं दर्शाया गया था। इसके साथ ही, गवाहों के नाम भी गायब थे।

पूर्व मेदिनीपुर जिला पुलिस अधिकारियों को अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा था, जिन्होंने इस मामले की ढिलाई से की गई जांच के लिए आलोचना की थी।