सिलीगुड़ी, 7 सितंबर। सिलीगुड़ी-धुबरी जाने वाली डेमू एक्सप्रेस के लोको पायलटों की सक्रियता से एक हाथी की जान बच गई। यह घटना शनिवार तड़के सेवक और बागराकोट स्टेशनों के बीच मोंगपोंग के जंगलों में हुई है। ट्रेन के पायलट विनय प्रसाद और मलय दास ने आपातकालीन ब्रेक दबाकर हाथी को बचाया। 20 मिनट के इंतजार के बाद हाथी लाइन से हट गया। जिसके बाद ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गई। डुआर्स के रेलवे ट्रैक पर पिछले 17 दिनों में पांच बार लोको पायलटों ने ट्रेन रोक कर हाथियों की जान बचाई है।

पिछली घटना 5 सितंबर की शाम को हुई थी। घटना महानंदा अभयारण्य सेवक और गुलमा स्टेशन के बीच हुई थी। उस समय सिलीगुड़ी जंक्शन से बामनहाट जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस उस रास्ते से गुजर रही थी। लोको पायलट जेएन अंसारी और कोपायलट जी घोष ने पिलर संख्या 23/2-1 के पास हाथियों को देखा और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। इससे पहले 27 अगस्त को सिलीगुड़ी से अलीपुरद्वार जंक्शन जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस के पायलटों ने दोनों स्टेशनों के बीच रेलवे लाइन पर हाथियों के एक दल को चलते हुए देखकर कुछ मिनट के लिए ट्रेन रोक दी थी। पिछली घटना 25 अगस्त की शाम जलदापाड़ा अभयारण्य में पिलर नंबर 130/5 के पास हुई थी। उस दिन नौ हाथी एक साथ लाइन पार कर रहे थे।

इससे पहले 22 अगस्त को महानंदा जंगल में पिलर संख्या 23/6-7 के पास सिलीगुड़ी से बामनहाट जाने वाली पैसेंजर डेमू ट्रेन के पायलटों ने भी हाथी को लाइन पर देख इमरजेंसी ब्रेक लगाया था। उस दिन पांच हाथियों का एक दल एक साथ रेलवे लाइन पार कर रहा था।