नई दिल्ली, 28 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने भारतीय रेलवे की दो नई लाइनों और एक मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दे दी। इसकी अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये है।
ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के सात जिलों को कवर करने वाली ये तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। ये परियोजनाएं कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी, यात्रा को आसान बनाएंगी, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेंगी, तेल आयात को कम करेंगी और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेंगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि नई लाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों (नुआपाड़ा और पूर्वी सिंहभूम) में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी।