कोलकाता, 26 अगस्त  । राज्य संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए तीन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के नाम एफआईआर में शामिल किए हैं। सूत्रों के अनुसार, एफआईआर में शामिल की गई तीन नई इकाइयों के नाम मां तारा ट्रेडर्स, एहसान कैफे और खम लौहा हैं। ये सभी नाम कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर याचिका में उल्लिखित थे, जिसे आर.जी. कर के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली द्वारा दायर किया गया था। इसी याचिका के आधार पर न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीबीआई को मामले की जांच का आदेश दिया था।

सीबीआई ने इस मामले की जांच आरंभ करते हुए आर.जी. कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। संदीप घोष पहले से ही वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ इसी महीने अस्पताल परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच के घेरे में हैं।

सूत्रों के अनुसार, तीन व्यापारिक इकाइयों को एफआईआर में शामिल करने का निर्णय विशेष सुरागों के आधार पर लिया गया, जिससे पता चला कि वे संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के लाभार्थी रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि रविवार को, सीबीआई अधिकारियों ने संदीप घोष के बेलियाघाटा स्थित निवास और मां तारा ट्रेडर्स के मालिक बिप्लब सिन्हा के हावड़ा जिले के निवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा, आर.जी. कर से जुड़े एक पूर्व और एक वर्तमान अधिकारी के परिसरों पर भी छापेमारी की गई।

सीबीआई अधिकारियों के निष्कर्षों के अनुसार, मां तारा ट्रेडर्स को आर.जी. कर को विभिन्न चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति में लगभग एकाधिकार प्राप्त था, जिसका मुख्य कारण उसके मालिक की घोष से निकटता थी।

सीबीआई अधिकारी इस मामले में 15 विशिष्ट आरोपों की जांच कर रहे हैं, जिनमें प्रमुख आरोप निजी और आउटसोर्स पार्टियों को विभिन्न ठेकों का निविदा करना शामिल है, जो राज्य स्वास्थ्य विभाग और कॉलेज परिषद से आवश्यक मंजूरी के बिना किए गए थे।