श्रीनगर, 21 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि कश्मीर के युवा पाकिस्तान की चाल को समझ गए हैं पिछले साल जहां 110 युवा आतंकवाद में शामिल हुए थे, इस साल अब तक केवल 10 युवाओं ने आतंकवादियों से हाथ मिलाया।
सिंह ने कहा कि इन 10 नए रंगरूटों में से छह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए। बाकी चारों युवाओं से हम हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हैं।
सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस के दौरान यहां जेवान में संवाददाताओं से कहा,“हम आपकी जान नहीं लेना चाहते।” उन्होंने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध पर ‘जीत’ हासिल कर ली है और अब उन्हें इसके अवशेषों को खत्म करना होगा।
डीजीपी ने कहा,“हमारे बलिदानों का फल मिला है। हमने आतंक के खिलाफ इस युद्ध में जीत हासिल की है और आतंक के अवशेषों को खत्म करने की हमारी प्रतिज्ञा है। हम लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने में सफल रहे हैं। यह अब अतीत की बात है जब पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों के इशारे पर निर्दोषों का खून बहाया जाता था। आज लोग शांति और सुकून के माहौल में रह रहे हैं। मैं इसके लिए पुलिस व सुरक्षा बलों के काम की सराहना करता हूं।”
घुसपैठ पर उन्होंने कहा कि इस साल केवल नियंत्रण रेखा पर 90 प्रतिशत से अधिक ऐसे प्रयासों को विफल कर दिया गया है। उन्होंने कहा,“हम घुसपैठ को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रहे हैं। इस साल कुछ कोशिशें हुईं, लेकिन 90 फीसदी से ज्यादा कोशिशें एलओसी पर ही नाकाम कर दी गईं और घुसपैठिए मारे गए। बलों को बड़ी सफलताएं मिली हैं और जो लोग अंदरूनी इलाकों में चले गए, वे भी मारे गए।”
जम्मू के अरनिया सेक्टर में हाल ही में हुए दो ‘संघर्ष विराम उल्लंघन’ के बारे में जहां सीमा सुरक्षा बल के दो जवान घायल हो गए और कश्मीर के केरन सेक्टर में जहां एक सैनिक घायल हो गया, इसपर श्री सिंह ने कहा कि हाल की दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वैसे समग्र युद्धविराम समझ हर जगह कायम है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा ग्रिड बहुत मजबूत है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने नार्को आतंकवाद पर शिकंजा कस दिया है और हाल के वर्षों में लगभग 39 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी, राज्य जांच एजेंसी और विशेष जांच इकाई की ओर से की जा रही है।
पुलिस प्रमुख ने कहा,“हाल ही में हमें बड़ी सफलता मिली जब हमने रामबन में 30 किलोग्राम कोकीन जैसा पदार्थ जब्त किया। इसका लिंक पंजाब के कुपवाड़ा से था और अब यह उत्तराखंड तक पहुंच गया है। इसमें शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। नार्को आतंक से सख्ती से निपटा जाएगा।”
पुलिस प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नार्को व्यापार को रोकने के पुलिस के प्रयास चार गुना बढ़ गए हैं।
उन्होंने कहा,“हम संकल्प लेते हैं कि आतंकवाद के बाद पाकिस्तान द्वारा हमारे लोगों पर थोपा गया यह नया युद्ध बहादुरी से लड़ा जाएगा और हमें सभी के समर्थन की जरूरत है।” सिंह ने कहा कि तीन दशकों से अधिक समय में उग्रवादियों के उभरने के बाद से 1605 पुलिस अधिकारी, जवान और विशेष पुलिस अधिकारी मारे गए।