सोमवार को निकलेगी तीसरी सवारी, तीन स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकाल
उज्जैन, 4 अगस्त। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर का श्रावण मास में प्रतिदिन अनूठा शृंगार किया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाली अमावस्या पर रविवार को भस्म आरती में बिल्व पत्रों से अद्भुत शृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को सवा लाख बिल्व पत्र की माला पहनाई गई। इसके बाद भस्म आरती की गई। हजारों श्रद्धालु इस अद्भुत पल के साक्षी बने।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या (हरियाली अमावस्या) पर रविवार सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का शुद्ध जल से स्नान, पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। अमावस्या पर आज बाबा महाकाल का भांग और चंदन से शृंगार किया गया और उन्हें बिल्व पत्र की माला से सजाया गया। शृंगार के दौरान उनके मस्तक पर बिल्व पत्र लगाया गया और नवीन मुकुट भी पहनाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इसके बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गया।
श्रावण मास में देश-दुनिया से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन करने के लिए तीर्थनगरी उज्जैन पहुंच रहे हैं। सोमवार को यहां लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। दरअसल, उज्जैन में श्रावण के प्रत्येक सोमवार को राजाधिराज महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं और प्रजा का हालचाल जानते हैं। इसे महाकाल की सवारी कहा जाता है। सोमवार को श्रावण मास की तीसरी सवारी निकलेगी, जिसमें महाकाल पालकी में सवार होकर मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर पहुंचेंगे और शिप्रा तट पर पूजन के पश्चात पुन: अपने मंदिर लौटेंगे।
भगवान महाकाल सोमवार को निकलने वाली तीसरी सवारी में तीन स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी के दौरान अवंतिका नाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में, हाथी पर मनमहेश तथा गरुड़ रथ पर शिव तांडव रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। महाकाल मंदिर से शाम 04 बजे शाही ठाट बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी शुरू होगी। सवारी में मुख्यमंत्री मोहन यादव के शामिल होने की भी संभावना है।
मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि श्रावण मास की तीसरी सवारी में एक साथ 1500 डमरू बजाने का विश्व रिकार्ड भी बनने जा रहा है। सवारी शुरू होने से पहले महाकाल महलोक के सामने शक्तिपथ पर वादक भस्म आरती की धुन पर 10 मिनट की प्रस्तुति देंगे। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ड्रोन तथा कैमरा से प्रस्तुति की निगरानी करेगी। विश्व रिकार्ड बनने के बाद संस्था द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा। शक्ति पथ पर प्रस्तुति के बाद सभी डमरु वादक भगवान महाकाल की सवारी में भी शामिल होंगे।