कोलकाता, 04 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय ने बंगाल राशन वितरण मामले में पूर्व खाद्य और आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के खिलाफ नकद जमा की जांच शुरू की है। मल्लिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
सूत्रों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान, ज्योतिप्रिय मल्लिक से जुड़ी एक कॉर्पोरेट इकाई के बैंक खातों में 6.50 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए थे। इसमें एक करोड़ रुपये अनीसुर रहमान उर्फ बिदेश द्वारा भी जमा किए गए थे, जो उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा के तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष हैं। बिदेश और उनके भाई अलिफ नूर उर्फ मुकुल ईडी की हिरासत में हैं।
ईडी को जानकारी मिली है कि यह विशेष कॉर्पोरेट इकाई एक शेल कंपनी थी, जिसका उपयोग धन के विचलन के लिए किया गया था। ईडी का मानना है कि कंपनी के खातों में जमा की गई भारी नकदी राशन वितरण मामले की अवैध आय थी।
बिदेश और मुकुल व्यापारी बकीबुर रहमान के चचेरे भाई हैं, जिन्हें राशन वितरण मामले में सबसे पहले ईडी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
शुक्रवार को, ईडी के वकील ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि बिदेश और मुकुल के संयुक्त स्वामित्व वाले चावल मिल को किसानों से धान खरीदने के लिए राज्य सरकार से चरणबद्ध रूप से 45 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। हालांकि, उन्होंने बाद में मिल के कर्मचारियों की आड़ में “नकली किसानों” से खरीदारी दिखाई।
ईडी ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और यह देखने की कोशिश कर रही है कि राशन वितरण में इस धन का उपयोग कैसे किया गया।