कोलकाता, 01 अगस्त। बंगाल के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने गुरुवार को अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रहे हैं और किसी की भावनाओं को आहत करने का उनका कोई इरादा नहीं था।

फिरहाद हकीम के बयान के विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में फिरहाद हकीम के भाषण का बहिष्कार किया है।

हकीम ने यह विवादित बयान विधानसभा में उस समय दिया जब वह तीन जुलाई को एक सामुदायिक सभा में दिए गए अपने भाषण का संदर्भ दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि जो इस्लाम में पैदा नहीं हुए हैं वे दुर्भाग्यशाली हैं… हमें उन्हें इस्लाम के दायरे में लाना होगा।

इस टिप्पणी पर भाजपा विधायकों की तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की और इसे हकीम के ‘इस्लाम के प्रसार’ वाला  बयान बताते हुए वापस लेने की मांग की और विधानसभा में उनके भाषण का बहिष्कार किया है।

गुरुवार को, अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने हकीम से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा ताकि चल रहे गतिरोध को समाप्त किया जा सके। अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों से भी अनुरोध किया कि वे सदन में उपस्थित रहें और मंत्री की व्याख्या को सुनें।

हकीम ने दावा किया कि उन्होंने सभा में जो भी कहा, उसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि क्या आप में से कोई मुझे धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति नहीं मानता ? मैंने हमेशा धर्मनिरपेक्ष रास्ता अपनाया है। धार्मिक कार्यक्रम में जो कुछ मैंने कहा, उस पर हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं है।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें बीच में रोकते हुए कहा कि किसी को भी धार्मिक सभा में हकीम के शामिल होने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “ उन्हें वहां राज्य मंत्री और कोलकाता के मेयर के रूप में आमंत्रित किया गया था। हम भी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। यह स्वाभाविक है कि जब आप किसी विशेष समुदाय के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो आप उस धर्म की प्रशंसा करेंगे। लेकिन यह उचित नहीं है कि आप दूसरे धर्मों के लोगों को अपने धर्म में शामिल होने के लिए आमंत्रित करें।”

हकीम ने जवाब दिया कि उन्हें धार्मिक सभा में इसलिए आमंत्रित किया गया क्योंकि वे उस धर्म से संबंधित थे।

हकीम ने कहा, “हालांकि मैं आस्था से मुसलमान हूं, लेकिन मैं दुर्गा पूजा और काली पूजा जैसे त्योहारों में भी भाग लेता हूं। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर विवाद पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है। मेरा किसी को आहत करने का कोई इरादा नहीं था।”