कोलकाता, 01 अगस्त । कोलकाता और आसपास के इलाकों में पुरानी बसों को स्क्रैप करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दरअसल, एक अगस्त 2009 को दिए गए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार आगामी सितंबर-अक्टूबर से शहरों-उपनगरों में उन सभी बसों को हटाया जाएगा जिनकी उम्र 15 साल हो गई है। निजी बस मालिकों के संगठन ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के सचिव तपन बनर्जी ने कहा कि पिछले छह साल से बस किराया नहीं बढ़ा है जबकि पेट्रोल-डीजल के दाम दोगुने हो गए हैं। मालिक बैंकों से कर्ज लेकर नई बसें खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इस वजह से सड़क पर बसें कम चलेंगी।
केएमडीए क्षेत्र में लगभग 3500 निजी बसें चलती हैं। कोर्ट के प्रतिबंध के कारण शहर पर उसका बड़ा प्रभाव पड़ा है। इस मामले में सबसे ज्यादा असर कोलकाता-हावड़ा रूट पर पड़ा है। वहीं, हाबरा, बशीरहाट, अशोकनगर, बारासात, बैरकपुर, दक्षिण 24 परगना आमतला, काकद्वीप, डायमंड हार्बर और कोलकाता-बजबज मार्गों पर अधिकांश बसें अब सड़कों पर नहीं चलेंगी।
सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, बस मालिकों ने इस स्थिति को देखते हुए पहले ही मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को पत्र लिखा था जिसमें इन बसों को अगले दो साल तक चलाने की अनुमति मांगी गई लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट के फैसले के बाद 15 साल की उम्र पार कर चुकी बसों को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं है। नियम तोड़ने पर गाड़ी जब्त कर ली जाएगी। वैकल्पिक तरीकों पर विचार किया जा रहा है।