कोलकाता, 16 जुलाई। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए कैप्टन बृजेश थापा के पिता सेवानिवृत्त कर्नल भुवनेश थापा ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने कहा कि जब उनके बेटे का पार्थिव शरीर पश्चिम बंगाल के उनके गृहनगर दार्जिलिंग पहुंचेगा तो वे उसे एक सैनिक की तरह सलाम करेंगे।
कर्नल (से.नि.) थापा ने कहा, “जब मुझे बताया गया कि वह अब नहीं रहा, तो मुझे यकीन नहीं हुआ। वह मार्च में घर आया था और केवल 15 दिन रुका था। हालांकि मैं दुखी हूं, लेकिन मुझे गर्व है कि उसने मां भारती के लिए अपनी जान दे दी। मुझे उस पर गर्व है। मैं उसे इसी तरह याद करूंगा। कल जब उसका शरीर आएगा तो मैं उसे एक सैनिक की तरह सलाम करूंगा।”
कैप्टन बृजेश एक सैन्य परिवार से थे। उनके पिता सेना में थे। कर्नल (से.नि.) भुवनेश ने आगे कहा कि उनका बेटा हमेशा भारतीय सेना में शामिल होना चाहता था- “वह बचपन में मेरी सेना की वर्दी पहन कर घूमता था। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था। केवल दुःख की बात यह है कि हम उससे फिर कभी नहीं मिल पाएंगे; वरना, मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए बलिदान दिया।”
उनकी मां नीलीमा थापा ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी। कैप्टन ने रविवार को अपनी मां से कहा था कि उन्हें ऑपरेशन के लिए पहाड़ियों पर जाना है और फिर उनकी मां ने उन्हें खुद का ध्यान रखने को कहा था। यह कैप्टन और उनके परिवार के बीच आखिरी बातचीत थी। मां ने कहा कि वह हमारे पास वापस नहीं आएगा। रात 11 बजे हमें यह खबर मिली। वह बहुत ही शालीन व्यक्ति था। वह हमेशा सेना में शामिल होना चाहता था। हम उसे बताते थे कि सेना में जीवन कठिन होता है। मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश के लिए बलिदान दिया।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह जानकर दुख हुआ कि दार्जिलिंग के एक युवा सेना अधिकारी बृजेश थापा ने जम्मू-कश्मीर में कर्तव्य की लाइन में अपनी जान दी। मेरी गहरी संवेदनाएं।”