नई दिल्ली, 31 मई। लोकसभा सचिवालय 18वीं लोक सभा के सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है। सदस्यों के स्वागत और उनके पंजीकरण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने शुक्रवार को इस संबंध में की गई तैयारियों का निरीक्षण किया। वह हर दिन व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
लोकसभा सचिवालय ने बताया कि कागजी कार्यवाही को कम करने और सदस्यों के पंजीकरण की औपचारिकताओं को सुगम बनाने के उद्देश्य से, नव-निर्वाचित सदस्यों का पंजीकरण ऑनलाइन एकीकृत सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के माध्यम से किया जाएगा। सदस्यों को विभिन्न शाखाओं में निर्धारित कागजात पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे सदस्यों का काफी समय बचेगा।
सचिवालय ने 4 जून को दोपहर 2 बजे से पंजीकरण शुरू करने की व्यवस्था की है और यह प्रक्रिया 5 से 14 जून तक सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चालू रहेगी, जिसमें शनिवार और रविवार भी शामिल हैं। इससे पहले, नवनिर्वाचित सदस्यों का पंजीकरण संसद के पुराने भवन (अब संविधान सदन) में होता था। इस बार, सचिवालय ने संसदीय सौंध में यह व्यवस्था की है।
परिणामों की घोषणा के दिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नजर रखने और सफल उम्मीदवारों के संपर्क विवरण तुरंत दर्ज करने के लिए एक टीम गठित की गई है। सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन का उपयोग करने वाली टीम यह जांच सकेगी कि सफल उम्मीदवार नया सांसद है या फिर पुनःनिर्वाचित सांसद है। यह जानकारी सदस्यों के दिल्ली आगमन के कार्यक्रम की प्रविष्टि करने के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के माध्यम से संपर्क अधिकारियों (एलओ) के साथ साझा की जाएगी। अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए डैशबोर्ड उपलब्ध होगा। सदस्यों की सुविधा के लिए और शीघ्र जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित क्षेत्र/भाषा जानने वाले संपर्क अधिकारियों को तैनात करने का प्रयास किया गया है।
संपर्क अधिकारियों को सदस्यों, विशेष रूप से नवनिर्वाचित सदस्यों से शीघ्र संपर्क करने के लिए कहा गया है, ताकि वे उन्हें आवश्यक दस्तावेज लाने के बारे में जानकारी उपलब्ध करा सकें। सदस्यों से यह भी अनुरोध किया जाएगा कि वे कुछ जानकारी या तो “[email protected]” पर ईमेल के माध्यम से या हार्ड कॉपी में लोकसभा को भेजें।
जिन नवनिर्वाचित सदस्यों के पास दिल्ली में पहले से सरकारी आवास नहीं है, उन्हें वेस्टर्न कोर्ट एनेक्सी/हॉस्टल या राज्य, संघ राज्य क्षेत्र के भवनों व अतिथि गृहों में तब तक अस्थायी आवास प्रदान किया जाएगा, जब तक कि उन्हें लोकसभा की ‘हाउस कमेटी’ द्वारा नियमित आवास प्रदान नहीं किया जाता।