मेरठ, 30 मार्च। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह के पोते चौधरी जयंत सिंह ने यह सम्मान लिया। इसके अगले ही दिन रविवार को रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत मेरठ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा कर चुनाव अभियान का शंखनाद करेंगे।
केंद्र सरकार ने चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की थी। इसके बाद उनके पोते रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा उनका दिल जीतने की बात करते हुए एनडीए में शामिल होने की घोषणा की थी। राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण करने के बाद जयंत ने कहा कि मेरे पास शब्द नहीं है। यह सम्मान पाकर बहुत अच्छा लगा।
भाजपा पदाधिकारियों के मुताबिक रविवार, 31 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी मेरठ में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद करेंगे। इस रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत भी प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करेंगे। इस दौरान पांच लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों को जिताने का आह्वान किया जाएगा। भारत रत्न सम्मान ग्रहण करने के अगले ही दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी और जयंत सिंह की साझा रैली के बड़े राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। किसानों और जाटों को साधने के लिए यह बड़ा मौका है। इसका प्रभाव निश्चित रूप से चुनाव परिणामों पर दिखाई देगा।
वरिष्ठ पत्रकार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की राजनीति के जानकार कुंवर अजय चौहान (मटौर) कहते हैं कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न प्रदान करने के व्यापक अर्थ हैं। उनका कहना है कि 2019 में भाजपा पश्चिम क्षेत्र की 14 में से सात लोकसभा सीटें हार गई थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को पश्चिम क्षेत्र में नुकसान हुआ। इसको कम करने के लिए ही भाजपा ने रालोद को अपने पाले में किया है। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की गई और जयंत ने एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया। इसके बाद रालोद ने केवल दो लोकसभा सीटों पर ही संतोष कर लिया। अब रालोद के साथ से भाजपा को लोकसभा चुनावों में लाभ होना तय है।