कोलकाता, 27 फरवरी । तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने एक बार फिर से एक शाहजहां की गिरफ्तारी में देरी के लिए हाई कोर्ट को जिम्मेदार ठहराय है। मंगलवार को उन्होंने फिर कहा कि हाईकोर्ट ने पाबंदियां लगा रखी थी जिसकी वजह से शाहजहां की गिरफ्तारी में समस्या हुई। हालांकि उन्होंने स्थिति स्पष्ट करने के लिए हाई कोर्ट का आभार भी जताया।

उन्होंने कहा कि कोर्ट की पाबंदी का लाभ विपक्ष ने उठाया। उच्च न्यायालय ने सोमवार को पुलिस को संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपित तृणमूल नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है।

इसके बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि वह दोषियों को नहीं बचा रही है और उसे सात दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस मामले में पेश हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि यह गलत धारणा बनाई गई कि अदालत ने शेख की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके मद्देनजर पीठ ने कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। अदालत ने कहा कि उसने एकल पीठ के आदेश के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए संयुक्त विशेष जांच दल के गठन के संबंध में सात फरवरी को रोक जारी की थी। बनर्जी ने सात फरवरी के अदालत के आदेश के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा और बंगाल विरोधी मीडिया ने इस पाबंदी का सही अवसर के रूप में फायदा उठाया। सात फरवरी को रोक लगाई गई। हिंसा और दोषारोपण अगले दिन आठ फरवरी को शुरू हुआ। कलकत्ता उच्च न्यायालय के सोमवार के स्पष्टीकरण के साथ मुझे भरोसा है कि जल्द ही न्याय किया जाएगा।’’

उल्लेखनीय है कि तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से दर्ज प्राथमिकी को लेकर जांच बाधित हुई। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि तृणमूल शेख को बचाने का प्रयास कर रही है।