कोलकाता, 15 फरवरी । उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं पर हुए अत्याचार को लेकर पश्चिम बंगाल में मचे बवाल के बीच पश्चिम बंगाल पुलिस मीडिया के एक वर्ग के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है।

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर बुधवार देर रात पश्चिम बंगाल पुलिस के आधिकारिक हैंडल पर पुलिस की ओर से यह स्पष्ट बता दिया गया कि संदेशखाली मामले में मीडिया का एक वर्ग जान-बूझकर लोगों के बीच भ्रामक जानकारी फैला रहा है।

पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि संदेशखाली मामले में राज्य महिला कमीशन की दस सदस्यीय टीम को किसी महिला की ओर से बलात्कार की शिकायत नहीं मिली है।

पुलिस की ओर से आगे कहा गया है कि संदेशखाली का दौरा करने वाले राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें भी किसी महिला की ओर से बलात्कार की शिकायत नहीं मिली है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस बात को दोहराया है कि इस मामले में उन्हें जो भी शिकायत मिलेगी, वे उसकी जांच कर कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे। साथ ही अपने एक्स हैंडल पर बंगाल पुलिस ने यह साफ कर दिया कि मीडिया के जिस वर्ग ने संदेशखाली को लेकर गलत और भ्रामक जानकारी फैलाई है, उनके खिलाफ पुलिस कठोर कार्रवाई करेंगी।

कई एक्स यूजर्स ने राष्ट्रीय महिला आयोग के आधिकारिक एक्स हैंडल के पोस्ट को भी साझा किया है जिसमें साफ लिखा है, ”एनसीडब्ल्यू संदेशखाली मामले में सटीक और जिम्मेदार मीडिया कवरेज की कमी से चिंतित है। हमारी जांच समिति ने पाया कि पश्चिम बंगाल में पीड़ितों को स्थानीय पुलिस द्वारा धमकी दी जा रही है, उन्हें बाहर आने और यौन और शारीरिक उत्पीड़न की घटनाओं की रिपोर्ट करने से रोका जा रहा है।”

उधर बड़ी संख्या में एक्स यूजर्स पश्चिम बंगाल पुलिस की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस संदेशखाली का सच सीमने आने से बौखला गई है और इस सच को सामने लाने वालों को कानूनी दांव-पेच में फंसाना चाहती है।