जयपुर, 11 फ़रवरी। राजस्थान के करौली में आयरन ओर (लौह अयस्क) के बड़े डिपॉजिट मिलें हैं। खान विभाग ने राजस्थान के करौली में हिण्डोन के पास करीब 1888 हेक्टेयर क्षेत्र में आयरन ओर ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी की तैयारी शुरू कर दी है।
खान सचिव आनन्दी ने रविवार को बताया कि करौली के हिण्डोन के पास खोड़ा, डेडरोली, टोडुपुरा और लीलोटी में आरंभिक संकेतों के अनुसार आयरन ओर के 840 टन से अधिक डिपॉजिट हैं। आयरन ओर के नए डिपोजिट्स से प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे।
विभाग द्वारा किए गए आरंभिक एक्सप्लोरेशन में आयरन ओर के मेग्नेटाइट और हेमेटाइट दोनों के ही संकेत मिले हैं। करौली के खोड़ा में 462.3 हेक्टेयर, डेडरोली में 754.38 हेक्टेयर, टोडुपुरा में 260.71 और लीलोटी में 410.94 हेक्टेयर क्षेत्र में आयरन ओर के डिपॉजिट मिले हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां आयरन ओर के 840 टन से अधिक डिपोजिट हैं। विभाग द्वारा किये गये एक्सप्लोरेशन के अनुसार यहां पर चुंबकीय प्रकृति के मेग्नेटाइट और नार्मल प्रकृति के हेमेटाइट आयरन ओर उपलब्ध हैं। आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार कर दिये गये हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की स्वीकृति के साथ ही कंपोजिट लाइसेंस के लिए ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई हैं।
कंपोजिट लाइसेंस के ऑक्शन से इस क्षेत्र में फर्दर एक्सप्लोरेशन होगा और यह माना जा रहा है कि फर्दर एक्सप्लोरेशन से इस क्षेत्र में आयरन ओर के और अधिक डिपॉजिट मिलने की संभावना है। करौली में आयरन ओर मिलने से आने वाले समय में प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और अधिक पंख लगेंगे। स्टील व सीमेंट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आयरन ओर से स्टील उद्योग के साथ ही कोल वाशिंग, फेरोअलॉय, फाउण्ड्रीज, सेरेमिक और सीमेंट उद्योग सहित अनेक उद्योगों को वर्षों तक कच्चा माल प्राप्त हो सकेगा व प्रदेश में इन उद्योगों में निवेश और नए उद्योग लगने के साथ ही रोजगार और आय के अवसर विकसित होंगे।
राजस्थान में आयरन ओर के डिपॉजिट और अधिक मिलने की संभावना को देखते हुए अन्य स्थानों पर भी एक्सप्लोरेशन आदि का कार्य जारी है वहीं जयपुर, झुन्झुनू, भीलवाड़ा, सीकर, अलवर आदि में आयरन ओर के खनन और एक्सप्लोरेशन कार्य जारी है।