उदयपुर के सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश शुक्ला ने बिना खण्डित रोज जपी राम नाम की 1 माला

-कौशल मूंदड़ा-

उदयपुर, 24 जनवरी। अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए 27 वर्ष पहले शुरू किया गया एक और अभियान अब पूर्ण हुआ है। इस अभियान से जुड़े कई लोग नियमित रूप से ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ की माला का जाप कर रहे थे। मंदिर निर्माण पूरा होने पर अब उन लोगों ने अपने संकल्प को पूर्णाहुति प्रदान की है।

इस अभियान से जुड़कर 27 साल से माला जप रहे उदयपुर के रमेश शुक्ला ने ओंकार समाचार को बताया कि 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने के साथ ही 23 जनवरी सुबह उन्होंने इस निमित्त लिए गए संकल्प को पूर्णाहुति प्रदान की।

पेशे से विद्या भारती के अंतर्गत आने वाले शिक्षण संस्थान में शिक्षक, प्रधानाचार्य के बाद सचिव पद से सेवानिवृत्त रमेश शुक्ला बताते हैं कि करीब 27 बरस पहले विश्व हिन्दू परिषद की ओर से श्रीराम मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए समर्थ गुरु रामदास जी द्वारा प्रतिष्ठित 13 अक्षरी सिद्ध मन्त्र ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का जाप करने का आह्वान किया था। तब शुक्ला भी इस अभियान में जुड़ गए थे। अपने शिक्षक रूपी सेवा काल के दौरान वे कहीं भी रहे, उन्होंने नियमित रूप से इस मंत्र की 1 माला का जाप अवश्य किया।

शुक्ला बताते हैं कि इस जप अनुष्ठान के लिए तुलसीजी की माला भी वितरित की गई थी। पूरे देश में इस मंत्र के जाप का आह्वान हुआ था और कई लोग इससे जुड़े थे। अब कितने लोग इसे नियमित रख पाए, यह कहना मुश्किल है, लेकिन उन्होंने इस जप में आड़ नहीं आने दी। और आज जबकि रामलला का मंदिर बन चुका है और वे उसमें बिराजमान हो चुके हैं, तब उन्होंने इस संकल्प को भी पूर्णाहुति प्रदान की है।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या के समीपवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले भी ठाकुर समाज सहित विभिन्न समाजों ने विदेशी आक्रांताओं द्वारा राम मंदिर को खण्डित किए जाने के बाद कई तरह के संकल्प लिए थे, उन समाजों के संकल्पों को भी अब जाकर प्रभु का आशीर्वाद मिला है।