काठमांडू, 02 फरवरी। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के साथ हुए दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते को लेकर नेपाल सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

मुख्य विपक्षी दल नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के करीबी सूर्यनाथ उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस विद्युत समझौते पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नहकुल सुवेदी ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार 15 दिनों के भीतर इस समझौते के संदर्भ में लिखित जवाब दाखिल करे।

याचिका में कहा गया है कि नेपाल-भारत के बीच हुए दीर्घकालिक विद्युत व्यापाल समझौते में सिर्फ बिजली खरीद-बिक्री की ही बात नहीं है बल्कि जलविद्युत परियोजना के जरिए इसके उत्पादन और ट्रांसमिशन लाइन निर्माण की भी बात कही गई है।