सात समंदर पार बांटे जाएंगे लड्डू, राममय हुए उत्तरी लॉस एंजेलिस और सैन फ्रांसिस्को, दोनों कार रैली को तैयार
वाशिंगटन, 19 जनवरी। भारत के अयोध्याधाम में श्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित दिव्य और भव्य ‘राम मंदिर’ में 22 जनवरी को होने वाले प्रभु की बालस्वरूप मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को अमेरिका में रह रहे भारतीयों को भी इंतजार है। जैसे-जैसे प्रभु राम के जन्मभूमि में विराजने की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सात समंदर पार रहे भरतवंशियों की आंखों में सदियों से पल रहा सपना कौंध रहा है। कोई मोहल्लों में लड्डू बांटने की तैयारी कर रहा है। कोई कार रैली तो कोई बाइक रैली निकालकर इस पल को ऐतिहासिक बनाने में जुटा है।
उत्तरी लॉस एंजेलिस और सैन फ्रांसिस्को तो पूरी तरह राममय हो गए हैं। एक्स हैंडल पर सैन फ्रांसिस्को के एक यूजर श्याम कृष्ण ने कार रैली निकालने की तैयारी का फोटो साझा किया है। कार को भारतीय तिरंगे के साथ भगवा ध्वजों से पाट दिया गया है। इससे तो ऐसा लग रहा है जैसे सैन फ्रांसिस्को में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है। और उसकी तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्याम कृष्ण ने लिखा है-ऐतिहासिक राम मंदिर उद्घाटन का जश्न मनाने के लिए सैन फ्रांसिस्को में कार रैली में शामिल होने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं। भगवान राम केवल भारत के ही आराध्य नहीं हैं। वे न्याय और सत्य में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के हैं।
विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका ने उत्तरी लॉस एंजेलिस में कार रैली की तैयारी का ब्यौरा साझा किया है। संगठन की विज्ञप्ति के अनुसार, राम लला की अयोध्याधाम के मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर उत्तरी लॉस एंजिल्स में 21 जनवरी को सुबह 11.00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक कार रैली निकाली जाएगी। इस अवसर पर गोष्ठियां और सभा भी होंगी। पहली सभा सुबह 11 बजे मां दुर्गा मंदिर (पसादेना) में होगी। दूसरी सभा असेंबली पॉइंट-2 के यूनाइटेड हिंदू टेम्पल (बाल्डविन पार्क) में सुबह 11:30 बजे होगी।
संगठन ने लोगों से “श्री राम जन्म भूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव” के उपलक्ष्य में निकलने वाली इस कार रैली में शामिल होने अपील की है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसी ही कार रैलियां अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में निकाली जा रही हैं। इन रैलियों के स्वागत के लिए निकटवर्ती मंदिरों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। अमेरिकी और अन्य देशों के लोग इन रैलियों को कुतूहलवश निहार रहे हैं। इनकी एक ही प्रतिक्रिया होती है-भारत करवट ले रहा है।