काठमांडू, 14 जनवरी। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने ताइवान के आमचुनाव के परिणाम पर चिन्ता जताते हुए चीन के प्रति सहानुभूति दिखाई है। इतना ही नहीं, प्रचंड ने ताइवान की स्वतंत्रता के खिलाफ होने की बात भी कही है।
चीनी नव वर्ष पर एक समारोह में प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि ताइवान में चाहे जैसा चुनाव परिणाम आया हो, नेपाल उसकी स्वतंत्रता के खिलाफ था, है और रहेगा भी। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल कभी भी ताइवान की स्वतंत्रता के पक्ष में नहीं रहा है। नेपाल हमेशा से ताइवान को चीन का अभिन्न अंग मानता है। प्रचंड ने कहा कि नेपाल सदैव ही एक चीन नीति का पक्षधर रहा है।
काठमांडू स्थित चीनी दूतावास की ओर से आयोजित समारोह में बतौर प्रमुख अतिथि नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपने पिछले चीन भ्रमण का भी जिक्र किया। प्रचंड ने कहा कि चीन भ्रमण के बाद उन पर कई शक्ति केन्द्रों का दबाब होने के बावजूद उन्होंने ताइवान को चीन का अभिन्न अंग माना था और किसी प्रकार से ताइवान की स्वतंत्रता के खिलाफ होने की बात कही थी।
प्रचंड ने कहा कि ताइवान में चाहे जैसा चुनाव परिणाम आया हो वो चीन में दिए अपने बयान पर अभी भी अडिग हैं। उन्होंने कहा कि चीन नेपाल का सदैव से सबसे अधिक विश्वासी पड़ोसी और मित्र राष्ट्र रहा है। चीन और नेपाल की सभ्यता हिमालय, नदियों से आगे बढ़कर अब जनस्तर पर बढ़ रही है।