नई दिल्ली, 22 जुलाई ।विश्व धरोहर समिति की बैठक में इस बार दुनिया के 124 विश्व धरोहरों की समीक्षा की जाएगी, जिसमें 56 धरोहर जर्जर हालत में हैं।संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर समिति इन सभी धरोहरों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए रोड मैप तैयार करने के लिए मंथन करेगी। विशेष रूप से नेपाल स्थित लुंबिनी और ब्रिटेन स्थित स्टोनहेंज के जीर्णोद्धार के लिए समाधान तैयार किया जा रहा है।सोमवार को भारत मंडपम में आयोजित प्रेसवार्ता में यूनेस्को विश्व धरोहर के निदेशक लज़ारे एलौंडौ असोमो ने कहा कि लुंबिनी और स्टोनहेंज धरोहर के संरक्षण के लिए वहां की सरकारों को समाधान के लिए लिखा जाएगा और सभी संभव प्रयास किए जाएंगे। यूनेस्को की विशेषज्ञों की टीम लुंबिनी और स्टोनहेंज के साइट विजिट करेगी और वहां स्थानीय लोगों के साथ इसे सहेजने के गंभीर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर साल होने वाली विश्व धरोहर समिति की बैठक में हमेशा जर्जर हो चुके स्मारकों के संरक्षण की समीक्षा की जाती है। इस बार भी 56 धरोहरों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि जर्जर हो चुकी धरोहरों के संरक्षण के लिए यूनेस्को यथा संभव फंड, तकनीकी सहायता और पूरा रोडमैप तैयार करता है। भारत के पास पुरातत्व क्षेत्र में महारत हासिल है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा, युद्ध में धरोहरों के सरंक्षण यूनेस्को के लिए बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए सभी सहयोगी देशों के साथ मिलकर समाधान निकाला जाता है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में 27 नए धरोहरों के प्रस्ताव पर विमर्श किया जाएगा। इसमें 20 सांस्कृतिक, पांच प्राकृतिक और दो इन दोनों का मिश्रण है।