रांची, 12 जुलाई । नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार के कार्यालय में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर की उपस्थिति में पर्यटन सचिव और वन सचिव के साथ शनिवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में झारखंड में पर्यटन और वन क्षेत्रों के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में पलामू क़िला के जीर्णोद्धार को लेकर आईटीआरएचडी की ओर से तैयार की गई डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) की एनआईपी निकाल कर, एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के अंतर्गत ऐसी एजेंसियों से वेट कराकर टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया।

इस कार्य को ऐसी एजेंसी को दिया जाएगा जिनके पास पुरातत्विक स्थलों के विकास का पूर्व अनुभव हो।

परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाने का निर्णय

इसी क्रम में, झारखंड ईको टूरिज़्म अथॉरिटी (जेईटीए) की गवर्निंग काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल में आवश्यक बदलाव कर, इसके अंतर्गत संचालित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाने का निर्णय लिया गया।

बेतला नेशनल पार्क में टाइगर सफारी के विकास के लिए राजगीर मॉडल को अपनाते हुए, प्रस्ताव को पहले राज्य वन्यजीव बोर्ड से पारित कर, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजने का निर्णय लिया गया। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 250 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।

इसके अलावा पलामू क़िला के समीप स्थित कमलदह झील के सौंदर्यीकरण के लिए एक अलग प्रस्ताव तैयार कर, उस क्षेत्र के समग्र पर्यटन विकास को और समृद्ध करने की दिशा में कदम उठाया जाएगा।

मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि अबुआ सरकार पलामू और झारखंड के अन्य पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी है।