ओंकार समाचार

कोलकाता, 10 अक्टूबर। जिस घर में साधना ,यज्ञ आदि सात्विक कार्य करने वाली संतान हो वहां प्रभु का दर्शन होता है। हिरण्यकशिपु से भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नृसिंह भगवान आए ,बोले प्रह्लाद मैं तेरा ऋणी  हूं,आने में विलम्ब हो गया। मांगना हो तो मांगो,प्रह्लाद जी ने कुछ नहीं मांगा। प्रह्लाद ने कहा कि मेरे पिता ने आपको बहुत कष्ट दिया है,उनकी दुर्गति न हो। नृसिंह भगवान ने कहा कि प्रह्लाद तेरे जैसा बेटा जिस परिवार में होता है उसकी 21पीढ़ियां तर जाती है। नरसी मेहता का कहना है जो दूसरों की पीड़ा को दूर करता है ऐसे संत का दर्शन करने से 71पीढ़ियां तर जाती है।

भक्त प्रह्लाद कहते हैं जो परमात्मा को नमन करता है,स्तुति करता है,सभी कार्य परमात्मा को समर्पित करता है,भगवान की पूजा करता है और भगवान की कथा श्रवण करता है ,उसे भगवान दर्शन देते हैं। जो भगवान की कथा सुनता-सुनाता है,आयोजन करता है उस पर भगवान की महती कृपा होती है।कोई भी कार्य शुरू करने पर जहर जैसा अनुभव होता है। समुद्र मंथन में सबसे पहले जहर ही निकला तो भगवान के कहने पर सभी देवगण भगवान शंकर के पास गए और निवेदन करने लगे,आप इसका पान करे।शंकर जी पार्वती की ओर देखा,पूछा क्या करूं? पार्वती ने कहा भगवान की इच्छा है ,जगत के कल्याण के लिए इसका पान कर लीजिए। भगवान शंकर ने विष  को न मस्तक में और न ही हृदय में अपितु गले में धारण किया और नीलकंठ भगवान कहलाए। इससे हमें शिक्षा मिलती है कि जहर जैसी बातें गले में रखनी चाहिए क्योंकि बोलेंगे तो संबंधों में आग लग जाएगी और भीतर रहेगी तो आपका चित्त जल जाएगा।

भारत में जन्म लेकर, भारत का खाकर जो भारत में जहर फैलाए ऐसे लोगों से बचना चाहिए। दुर्भाग्य है कि देश लोग सद्ग्रंथों की जगह फालतू चीजों को पढ़ रहे हैं।सनातन धर्म हमें श्रद्धा और विश्वास का पाठ पढ़ाता है ,इसलिए वह सदा रहेगा।

ये बातें गौ कल्याण ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए गणपति राजेश सभागार में कहीं। यह श्रीमद्भागवत कथा सुरभि सदन गौशाला के निर्माण, विकास और संचालन हेतु आयोजित की गई है।कथा को सफल बनाने में ट्रस्टीगण मुरारीलाल दीवान, चम्पालाल सरावगी,बनवारीलाल सोती,सत्यनारायण देवरालिया, बृजमोहन गाड़ोदिया, बालकिसन बालासरिया,विश्वनाथ सेकसरिया, प्रेमचंद ढांढनिया, कृष्ण कुमार छापड़िया,राजेन्द्र प्रसाद बुबना,बालकिसन नेवटिया अरुण केडिया व  स्वागत समिति के सदस्य प्रकाश केडिया,विनोद केडिया,रामस्वरूप गोयनका,राहुल दीवान, संजय मस्करा,रमेश अग्रवाल, सोनू पोद्दार, विनय मस्करा,प्रणव नेवटिया सहित अन्य  सदस्य  सक्रिय रहे।इस अवसर बिरम सुल्तानिया,गिरीश माधोगढ़िया, रंजना शर्मा,शशि-दुर्गा प्रसाद पोद्दार,तारा गोयनका,मेघा सराफ,करण शर्मा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।