कोलकाता, 16 अगस्त । आर.जी. कर अस्पताल में बुधवार रात हुए हमले की घटना के बाद, अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन गिरफ्तारियों के आधार पर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें से एक मामला आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार सुबह अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से पांच को सोशल मीडिया की मदद से पकड़ा गया है। पुलिस ने भरोसा जताया है कि जल्द ही बाकी हमलावरों को भी ढूंढ लेंगे।
इस घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर कुछ और संदिग्धों की तस्वीरें जारी कर उनसे जुड़ी जानकारी मांगी थी। इसी तरीके से पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया। इन तस्वीरों में कुछ लोगों के चेहरे चिन्हित किए गए थे, और उनके बारे में जानकारी देने की अपील की थी।  पुलिस ने लिखा, “जिनके चेहरे नीचे की तस्वीरों में चिन्हित हैं, उनकी जानकारी हो तो कृपया हमें सीधे या अपने संबंधित थाने के माध्यम से सूचित करें।”
पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की तस्वीर भी शेयर की है और इसके पहले जो सोशल मीडिया पर पुलिस की ओर से तस्वीर शेयर की गई थी उनमें से जिन पांच लोगों के बारे में लोगों ने पुलिस को बताया था उनके हमले के समय की तस्वीर और गिरफ्तारी के बाद की तस्वीर भी पुलिस ने शेयर की है। इन लोगों की पहचान शुभदीप कुंडू, सौरभ दे, सौम्यदीप मिश्रा, ऋषिकांत मिश्रा और शेख साजन के रूप में हुई है।

गुरुवार को दिनभर चली पूछताछ के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे कोलकाता पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की। शाम होते-होते पुलिस ने नौ और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इस प्रकार अब तक इस मामले में कुल 19 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से 10 को 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

यह घटना उस समय हुई जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले सप्ताह एक महिला डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार रात को अस्पताल के आपातकालीन विभाग में हमला किया गया। हमले के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टरों पर हमला किया। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे, कुर्सियां, टेबल और दरवाजे सहित कई जरूरी चिकित्सा उपकरणों को तोड़ दिया गया। इस हमले में आपातकालीन विभाग का टिकट काउंटर, हाइब्रिड क्रिटिकल केयर यूनिट (एचसीसीयू), क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू), और दवाइयों के भंडार कक्ष को नुकसान पहुंचाया गया। हमलावरों ने अस्पताल के बाहरी क्षेत्र में भी तोड़फोड़ की, आर.जी. कर की पुलिस चौकी और आंदोलनकारी छात्रों का मंच भी तोड़ डाला, पुलिस वाहनों को भी निशाना बनाया गया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया।

पुलिस के अनुसार, जिस कमरे में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी, वहां कोई नहीं पहुंच पाया और वह कमरा पूरी तरह सुरक्षित है।

घटना के कुछ समय बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाया गया, जिन्होंने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई। पुलिस ने हमलावरों के एक समूह का पीछा किया, जो अस्पताल के पास के नहर किनारे गलियों में भाग रहे थे। इन हमलावरों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस ने इस हमले के संबंध में तीन मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति का नुकसान और आर्म्स एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल खुद पूछताछ की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।