रुद्रप्रयाग, 11 मई।
रविवार को सुबह 6 बजे से ही गौरीकुंड से घोड़ा-खच्चरों का संचालन शुरू हो गया था। पशु चिकित्सकों ने जानवरों की जांच की और यात्रा के लिए उन्हें स्वस्थ्य घोषित किया। अपराह्न तक 1709 घोड़ा-खच्चरों को केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। पशु चिकित्सकों की टीम ने इन जानवरों की जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली और बेस कैंप में जांच कर इंटरनल टैग को स्कैन कर जानवर और पशु संचालक के बारे में जानकारी प्राप्त की। यात्रियों को छोड़कर सभी जानवर देर शाम तक गौरीकुंड वापस लौट आये थे।

इसके अलावा 25 घोड़ा-खच्चरों से राशन, सब्जी और अन्य सामग्री भी केदारनाथ पहुंचाई गई। इधर, केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के संचालन से यात्रियों ने भी राहत की सांस ली है। वहीं, पशु संचालकों के चेहरों पर मुस्कान लौटने लगी है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा का संक्रमण तेजी से कम हो रहा है और बीमार घोड़ा-खच्चरों के स्वास्थ्य में अपेक्षानुसार सुधार हो रहा है।