काठमांडू, 01 सितंबर । उपभोक्ता संरक्षण विभाग की टीम ने रविवार को इंदुशंकर चीनी उद्योग लिमिटेड सर्लाही के गोदाम से कालाबाजारी की चीनी जब्त की है। छापेमारी के दौरान टीम को एक ही उत्पादन तिथि और अलग-अलग एमआरपी (कीमत) वाली राजहंस ब्रांड की अलग-अलग बोरियां मिलीं।
विभाग की जांच में पाया गया कि कीमत बढ़ाने के इरादे से 1200 क्विंटल चीनी की जमाखोरी की गई थी, इसलिए गोदाम को आगे की जांच के लिए सील कर दिया गया है। गोदाम से बरामद बोरियों में अंकित अलग-अलग एमआरपी वाली चीनी की जमाखोरी में मिल संचालकों की मिलीभगत होने की आशंका है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष प्रेमलाल महर्जन ने कहा कि गोदाम में अलग-अलग एमआरपी वाली चीनी की अलग-अलग बोरियां जब्त किये जाने से पुष्टि हो गई है कि चीनी उद्योग और व्यवसायी कालाबाजारी में शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले त्यौहारों के मद्देनजर कालाबाजारी रोकने के लिए बाजार पर नजर है। बाजार में चीनी का अभाव होने के बाद वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय के कहने पर उपभोक्ता संरक्षण विभाग को बाजार पर निगरानी रखने को कहा गया है।