
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू दौरे के दौरान अचानक पहुंचे सरकारी स्कूल, किया औचक निरीक्षण – छात्र ने राष्ट्रपति के लिए नरेंद्र मोदी जबकि दूसरे ने देश की राजधानी शिमला बताई, प्रधानाचार्य और शिक्षकों को लगाई कड़ी फटकार
मला, 18 जून । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू दौरे के दौरान बुधवार सुबह एक सरकारी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। आनी विधानसभा क्षेत्र के निरमण्ड उपमंडल के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बागा सराहन में पहुंचे मुख्यमंत्री ने छात्रों से सामान्य ज्ञान के कुछ बुनियादी सवाल किए लेकिन 10वीं के छात्रों का जवाब सुनकर हैरान रह गए। मुख्यमंत्री ने जब राष्ट्रपति और देश की राजधानी के नाम पूछे तो कई विद्यार्थी इसका उत्तर नहीं दे सके। एक छात्र ने राष्ट्रपति के नाम के स्थान पर नरेंद्र मोदी का नाम लिया जबकि एक अन्य ने देश की राजधानी शिमला बताई।
इसके उलट प्राइमरी विंग के छात्रों ने इन सवालों के सही उत्तर दिए जिससे मुख्यमंत्री प्रभावित हुए। उन्होंने छोटे बच्चों की सराहना करते हुए उन्हें गले लगाया और शिक्षकों की प्रशंसा की। वहीं 10वीं के बच्चों की जानकारी पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने सवाल किया कि क्या यही क्वालिटी एजुकेशन है? साथ ही निर्देश दिए कि अब स्कूल में रोजाना आधे घंटे का सामान्य ज्ञान पीरियड अनिवार्य रूप से लगाया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी जानना चाहा कि बच्चे भविष्य में क्या बनना चाहते हैं। जवाब में अधिकतर छात्रों ने सेना में जाने की इच्छा जताई, जबकि कुछ ने शिक्षक और डॉक्टर बनने की बात कही। लेकिन जब सीएम ने पूछा कि क्या कोई छात्र नेता बनना चाहता है, तो एक भी हाथ नहीं उठा।
मुख्यमंत्री मंगलवार को बागा सराहन पहुंचे थे और वहीं रात्रि प्रवास किया। बुधवार सुबह जब वह ठियोग लौट रहे थे तो रास्ते में स्कूल का निरीक्षण करने का अचानक निर्णय लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रों से संवाद किया और शिक्षा की जमीनी स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान शिक्षकों से छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा व्यवाहरिक और सामान्य ज्ञान प्रदान करने पर बल दिया। छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे जीवन का लक्ष्य निर्धारित करके कड़ी मेहनत एवं लग्न के साथ आगे बढ़ें और सपनों को नई उंचाईयों पर पहुचाएं। उन्होंने बच्चों से मानवीय मूल्यों और आदर्शों को अपनाने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि प्री-नर्सरी से 8वीं कक्षा तक के पुराने भवन के स्थान पर आधुनिक विद्यालय भवन बनाया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से स्कूल की समस्याओं पर फीडबैक भी लिया।