कोलकाता, 5 जुलाई ।

वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक नई पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में कोलकाता पुलिस के दो पुलिसकर्मियों को भी आरोपित बनाया गया है।

सीबीआई ने अपनी ताज़ा चार्जशीट में कोलकाता के नारकेलडांगा थाना क्षेत्र के तत्कालीन थाना प्रभारी शुभोजीत सेन और उसी थाने की महिला सब-इंस्पेक्टर रत्ना सरकार को आरोपित के तौर पर नामित किया है।

इससे पहले इसी मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के दो पार्षदों को पहले ही आरोपित बनाया जा चुका है। नई चार्जशीट में जिन राजनीतिक हस्तियों के नाम जोड़े गए हैं, उनमें बेलियाघाटा विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस विधायक, केएमसी के वार्ड संख्या 58 के पार्षद स्वपन समद्दार और वार्ड संख्या 30 की पार्षद पापिया घोष शामिल हैं। स्वपन समद्दार वर्तमान में केएमसी की मेयर-इन-काउंसिल समिति के सदस्य भी हैं।

सीबीआई ने दो जुलाई को एक बयान जारी कर जानकारी दी थी कि इस मामले में 18 नए लोगों को आरोपित किया गया है। इसके साथ ही इस हत्याकांड में कुल आरोपितों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है।

शुरुआत में इस हत्याकांड की जांच कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव विभाग की होमिसाइड शाखा ने की थी, जिसने अपनी चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपित बनाया था। लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद अगस्त 2021 में सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली और सितंबर 2021 में 20 आरोपितों के खिलाफ पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कोलकाता पुलिस द्वारा नामित 15 आरोपितों को भी शामिल किया गया था।

सीबीआई की जांच में हाल ही में इस मामले के एक मुख्य फरार आरोपित अरुण देय को गिरफ्तार किया गया है, जो लगभग चार वर्षों से फरार था। उस पर पहले सीबीआई ने ₹50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। अरुण को अभिजीत सरकार की हत्या के पांच प्रमुख आरोपितों में से एक माना गया है।

गौरतलब है कि अभिजीत सरकार की हत्या दो मई, 2021 को हुई थी। उसी दिन विधानसभा चुनाव के नतीजों में तृणमूल कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था। अभिजीत, उत्तर कोलकाता के कांकुड़गाछी इलाके के निवासी थे।