श्रीनगर, 29 अक्टूबर। डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (डीएके) ने रविवार को कहा कि वायु प्रदूषण से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

विश्व स्ट्रोक दिवस पर डीएके अध्यक्ष डॉ. निसार उल हसन ने कहा, “खराब वायु गुणवत्ता से स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ जाती है।”डॉ. हसन ने कहा, जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, केवल 5 दिन वायु प्रदूषकों के संपर्क में रहने से व्यक्ति में स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

पिछले अध्ययनों ने वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम के बीच एक संबंध स्थापित किया है। लेकिन नए अध्ययन से पता चलता है कि थोड़े समय में भी जोखिम बढ़ जाता है।

अध्ययन में इस्केमिक स्ट्रोक के एक करोड़ 80 लाख से अधिक मामलों का विश्लेषण किया गया, जो मस्तिष्क में रक्त वाहिका को अवरुद्ध करने वाले रक्त के थक्के के कारण होने वाला स्ट्रोक का सबसे आम प्रकार है।

शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रदूषकों और इसके विभिन्न आकार के कणों का अध्ययन किया।

डॉ. निसार ने कहा,“ पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर घाटी में स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। न केवल बुजुर्ग, बल्कि हम युवाओं में भी स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि देख रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “वायु प्रदूषण को कम करने वाली नीतियां बनाने की तत्काल आवश्यकता है। इससे स्ट्रोक के मामलों कमी आएगी, जो घाटी में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है।”