माले, 21 अप्रैल। मालदीव में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान होगा, जिसमें राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू की भारत विरोध की नीति की भी परीक्षा होगी। चुनाव के नतीजे पर देश के लोगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय जगत की भी निगाह है।

मालदीव चुनाव आयोग के मुताबिक देश के 93 निर्वाचन क्षेत्रों में आज मतदान होंगे। 2,84,663 से अधिक मतदाता 602 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे। विधायिका की एक सीट के लिए कम से कम 368 उम्मीदवार मैदान में हैं।

पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के बाद से मालदीव के राजनीतिक परिदृश्य में काफी बिखराव आया है। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और उनके समर्थकों ने डेमोक्रेट बनाने के लिए तत्कालीन सत्तारूढ़ एमडीपी को छोड़ दिया। जबकि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन और मोइज्जू के बीच मतभेद गहरे हो गए।

मोइज्जू की मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों को बाहर निकालने के फैसले की देश के भीतर चौतरफा आलोचना हो रही है। इसलिए संसदीय चुनाव को लेकर यह उम्मीद कर रही है कि मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) बहुमत हासिल करेगी।

एमडीपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के मुताबिक उनकी पार्टी जीत को लेकर आशावादी है। उनका कहना है कि मोइज्जू प्रशासन पिछले पांच महीने में घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व अध्यक्ष शाहिद ने कहा कि मोइज्जू झूठ और नफरत फैलाकर सत्ता में आए और सभी विकास परियोजनाएं रोक दी गईं।

भारत विरोध का नारा देने वाले चीन समर्थक मोइज्जू ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में इब्राहिम सोलिह को हराया था।