कोलकाता, 5 मार्च। पश्चिम बंगाल में चुनाव के समय हर बार की तरह इस बार भी बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका जाहिर करने वाले विपक्षी दलों को चुनाव आयोग ने बड़ा आश्वासन दिया है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती होगी और हिंसा को शह देने वाले अथवा कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पश्चिम बंगाल के प्रशासन को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

राजीव कुमार ने कोलकाता के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग का लक्ष्य राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव कराना है। उन्होंने कहा, ”चुनाव में डर या धमकी के लिए कोई जगह नहीं है। हमने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव के दौरान प्रशासन का पक्षपातपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष तरीके से पर्याप्त केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा। पुलिस अधीक्षकों को बार-बार यह बताया गया है कि यदि डराने-धमकाने की कोई शिकायत आती है तो उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

सीईसी ने कहा, ‘‘ राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे ऐसा ही करेंगे। अगर वे कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम जानते हैं कि उन्हें कार्रवाई कराने के लिए हमें क्या करने की जरुरत है।’’

राजीव कुमार ने कहा, ”पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष रहने और जिला स्तर पर सभी राजनीतिक दलों के लिए जब भी आवश्यकता पड़े तब उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है।”

उल्लेखनीय है कि रविवार को बंगाल दौरे पर पहुंची चुनाव आयोग की फुल बेंच आज मंगलवार को अपना दौरा पूरा कर लौटी है। इस दौरान आयोग की ओर से सर्वदलीय बैठक भी की गई है। भाजपा ने राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान केवल केंद्रीय बलों की तैनाती करने और बंगाल पुलिस को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखने की मांग की है।