कोलकाता, 29 जनवरी। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने सोमवार को दावा किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) एक सप्ताह के भीतर देश में लागू कर दिया जाएगा।

एक समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार के दौरान पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के मतुआ समुदाय की बहुलता वाले क्षेत्र बनगांव से भाजपा सांसद ठाकुर ने कहा कि इस कानून को सात दिनों के भीतर तेजी से कार्यान्वित किया जाएगा। वर्ष 2019 में केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाए गए सीएए का उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।

मतुआ समुदाय के नेता ठाकुर ने कहा कि सीएए बहुत जल्द लागू किया जाएगा। इसे सात दिनों के भीतर लागू किया जाएगा।’’ केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री ठाकुर ने रविवार को भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। उन्होंने दावा किया कि इस साल लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए लागू कर दिया जाएगा। राज्य की अनुसूचित जाति की आबादी में मतुआ समुदाय का एक बड़ा हिस्सा है। 1950 के दशक से यह समुदाय मुख्य रूप से तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में धार्मिक उत्पीड़न के कारण पश्चिम बंगाल की ओर पलायन कर गया था। नब्बे के दशक के बाद से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक दलों ने सक्रिय रूप से मतुआ समुदाय के लोगों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की जो अपनी उल्लेखनीय आबादी और एक साथ मतदान करने की प्रवृत्ति के कारण अल्पसंख्यकों के समान एक अहम वोट बैंक माने जाते हैं।

माना जा रहा है कि सीएए लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा मतुआ समुदाय को होगा। सीएए के कार्यान्वयन पर ठाकुर का दावा इस महीने की उन कई रिपोर्ट के बीच आया है जिसमें कहा गया है कि कानून के नियमों को लोकसभा चुनाव की घोषणा से काफी पहले अधिसूचित किया जाएगा।

उनकी टिप्पणी पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई जिसमें सीएए का पुरजोर विरोध करते हुए इसे विभाजनकारी करार दिया। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हमारी पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पश्चिम बंगाल में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। भाजपा नेता लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह के झूठे वादे करके राजनीतिक नौटंकी करने का प्रयास कर रहे हैं।

पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया था कि सीएए का कार्यान्वयन अपरिहार्य है क्योंकि यह देश का कानून है।