कोलकाता, 11 फरवरी । नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट ‘राज्यों और राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार’ में पश्चिम बंगाल की उच्च शिक्षा व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 में राज्य का सकल नामांकन अनुपात मात्र 26.3 प्रतिशत रहा, जिससे यह पूरे देश में 18वें स्थान पर पहुंच गया। हालांकि, 2011-12 में यह आंकड़ा 13.6 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 26.3 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा पर राज्य के खर्च की स्थिति भी बेहद निराशाजनक है। रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का केवल 0.43 प्रतिशत ही उच्च शिक्षा पर खर्च किया जाता है, जो पूर्वोत्तर के छोटे राज्यों से भी काफी कम है, जहां यह आंकड़ा एक प्रतिशत के आसपास रहता है।

हालांकि, सरकारी विश्वविद्यालयों की पहुंच के मामले में राज्य का प्रदर्शन बेहतर है, क्योंकि उच्च शिक्षा में नामांकित 80 प्रतिशत से अधिक छात्र इन्हीं विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।

शिक्षकों और छात्रों के अनुपात के मामले में भी राज्य की स्थिति कमजोर बनी हुई है। वर्ष 2021-22 में यह अनुपात 29 पर पहुंच गया, जिससे पश्चिम बंगाल इस सूची में 23वें स्थान पर आ गया। हालांकि, 2011-12 में यह आंकड़ा 33 था, जो अब थोड़ा सुधार हुआ है।

गत माह नीति आयोग ने ‘वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक: 2025’ जारी किया था, जिसमें पश्चिम बंगाल की वित्तीय स्थिति भी खराब पाई गई थी। इस रिपोर्ट में 18 राज्यों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की गई थी, जिसमें पश्चिम बंगाल को 16वां स्थान मिला था।