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कोलकाता, 25 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसकी निर्यात और लॉजिस्टिक्स नीतियां राज्य के निर्यात क्षेत्र को सशक्त बनाएंगी, जो वर्तमान में लगभग 11.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात करता है। कोलकाता में नेशनल सेंटर फॉर एक्सपोर्ट प्रमोशन (एनसीईपी) के कोलकाता चैप्टर के शुभारंभ के अवसर पर बंगाल की उद्योग और वाणिज्य सचिव वंदना यादव ने कहा कि राज्य के निर्यात में इंजीनियरिंग वस्तुओं की हिस्सेदारी लगभग 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
भारतीय फाउंड्रीमेन संस्थान (आईआईएफ) में उद्योग प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, यादव ने बताया कि इन नीतियों का उद्देश्य निजी क्षेत्र के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार करना है, जो राज्य के निर्यात का 100 प्रतिशत हिस्सा निभाता है। उन्होंने कहा, “सरकार की भूमिका ऐसे हालात पैदा करना है जिससे आप अधिक निर्यात कर सकें।” साथ ही परंपरागत क्षेत्रों को बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है जैसे कि फाउंड्री उद्योग, साथ ही आधुनिक और ज्ञान-आधारित तरीकों को भी शामिल किया जा रहा है।
यादव ने एनसीईपी की स्थापना को समय पर लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया जो परंपरागत कौशल को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रशिक्षण और प्रस्तुति में आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा। यह नया केंद्र आईआईएफ का चौथा उत्कृष्टता केंद्र है, जो चेन्नई में राष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र, पुणे में राष्ट्रीय तकनीकी सेवा केंद्र और नई दिल्ली में फाउंड्री इनफॉर्मेटिक्स केंद्र के साथ जुड़कर उद्योग को और उन्नत बनाने के लिए आईआईएफ की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
आईआईएफ के अध्यक्ष नवनीत अग्रवाल ने बताया कि एनसीईपी का उद्देश्य भारतीय फाउंड्री उद्योग के वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करना है, जिसमें क्षमता निर्माण, निर्यात प्रक्रियाओं और सतत विकास में रणनीतिक समर्थन प्रदान करना शामिल है। उन्होंने कहा कि उद्देश्य भारत के फाउंड्री निर्यात को बढ़ाना और उच्च गुणवत्ता वाले कास्टिंग के लिए देश को एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में स्थापित करना है।