शहर में तनाव को देखते हुए इन्टरनेट सेवाएं मंगलवार तक निलंबित

उदयपुर, 19 अगस्त। शहर के भट्टियानी चौहट्टा स्थित स्कूल में शुक्रवार को हुई सहपाठी के चाकूवार में गंभीर घायल 10वीं के छात्र देवराज ने सोमवार शाम को दम तोड़ दिया। राखी के दिन दोपहर में बहन सुहानी और चचेरी बहनों ने अस्पताल में उपचाररत भाई देवराज को राखी भी बांधी, लेकिन देवराज राखी की डोर छोड़ चला। शहर में तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि मंगलवार तक के लिए बड़ादी गई है।

देवराज की मृत्यु की बात फैलते ही शहर के बाजार बंद होते गए। लोग अस्पताल की ओर बढ़ने लगे, जब अस्पताल में भीड़ बढ़ने लगी तब पुलिस ने अस्पताल के सभी द्वार बंद कर दिए। द्वार पर एकत्र होने वालों को भी लगातार खदेड़ा गया। अस्पताल पहुंचे युवाओं ने इमरजेंसी के गेट के सामने नारेबाजी की। समाज और संगठनों की ओर से उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए 1 करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी और परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की। मांग पूरी नहीं होने तक उन्होंने शव लेने से इनकार कर दिया। मृतक देवराज की मां का रो—रोकर बुरा हाल हो गया। वह चीख-चीख कर कह रही थी कि हत्यारे को फांसी दो।

इस दौरान संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, कलक्टर अरविंद पोसवाल, एसपी योगेश गोयल, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, उदयपुर शहर ताराचंद जैन व अन्य जनप्रतिनिधि परिवार और समाज के साथ समझाइश में जुटे रहे। समझौता वार्ता के दौरान इमरजेंसी से बाहर आए संभागीय आयुक्त भट्ट ने मीडिया से कहा कि चिकित्सकों ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन भगवान को जो मंजूर था वही हुआ।

इधर, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। बेढम ने कहा कि घटना दु:खद है। सरकार व अस्पताल प्रशासन ने बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की। आमजन से निवेदन है कि आपसी सौहार्द बनाए रखें।

वार्ता के बाद शहर विधायक ताराचंद जैन ने मीडिया को बताया परिवार ने 2 करोड़ मुआवजा चाहा था, 51 लाख पर सहमति बनी। परिवारजनों ने स्थायी नियुक्ति की मांग की है। प्रशासन संविदा पर नियुक्ति पर सहमत हुआ है, हालांकि प्रशासन ने स्थायी नौकरी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने पर सहमति दी है। परिवार को सुरक्षा की गांरटी, त्वरित न्याय के लिए मामला केस ऑफिसर स्कीम में देने पर भी सहमति बनी है। परिवारजनों के अनुसार कुछ परिजन उदयपुर से बाहर हैं, ऐसे में अंतिम संस्कार मंगलवार को करने की बात हुई, किन्तु प्रशासन माहौल को देखते हुए अंतिम संस्कार सोमवार रात को ही करने के लिए प्रयासरत है।

इस बीच, लोगों ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार 16 अगस्त को सुबह करीब साढ़े दस बजे हुई इस वारदात के बाद से ही देवराज की स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ था और इसी वजह से लगातार अफवाहें फैल रही थी। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने छात्र की वास्तविक स्थिति को लगातार छिपाए रखा। लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन इस बात को और छिपाये रखता यदि राखी पर बहनें राखी बांधने न जातीं। संभवत: उन्होंने भाई की स्थिति की चर्चा घर पर आकर सभी से कर दी, तब प्रशासन के लिए वास्तविकता को छिपाए रखना संभव नहीं रहा।