कोलकाता, 09 फरवरी । नैहाटी के बड़ा मा मंदिर के पास एक महिला को दो छोटे बच्चों के साथ ठंड में कांपते हुए देखा गया। मंदिर समिति के सदस्यों ने महिला से बातचीत की, जिससे पता चला कि वे बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के अत्याचार से बचने के लिए अपने बच्चों को लेकर भारत आई है। महिला ने बताया कि वह अपने जीवन को खतरे में डालकर अपने बच्चों के साथ बांग्लादेश के बरिशाल से भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गई।

मंदिर समिति ने तत्काल महिला और बच्चों को गर्म कपड़े और खाना उपलब्ध कराया और पुलिस को सूचित किया। नैहाटी पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान महिला ने अपना नाम शोभा मल्लिक बताया और बताया कि वह बांग्लादेश के बरिशाल की निवासी है।

पुलिस ने शोभा मल्लिक और उसके दोनों बच्चों को गिरफ्तार कर विदेशी अधिनियम 14 के तहत मामला दर्ज कर गुरुवार को बैरकपुर अदालत में पेश किया।

इसी तरह, गुरुवार सुबह कृष्णगंज पुलिस ने परवीन बेगम नाम की 32 वर्षीय बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि वह मुंबई के कब्रिस्तान इलाके में घरेलू काम करती थी। बांग्लादेश की रहने वाली इस महिला ने बताया कि वह पुलिस कार्रवाई के डर से वहां से भागकर भारत आई थी।

 

पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन, दो नई घड़ियां, एक कैमरा, आधार कार्ड, पैन कार्ड और कुछ भारतीय मुद्रा बरामद की। महिला ने बताया कि वह आठ महीने पहले उत्तर 24 परगना के बांग्लादेश-भारत सीमा के जरिए अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी।

पुलिस ने बताया कि महिला का मकसद अवैध तरीकों से धन कमाकर वापस बांग्लादेश लौटने का था। महिला की पहचान नड़ाइल जिले के कालिया थाना क्षेत्र के केरोलिया गांव निवासी के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला कि महिला सात लोगों के समूह के साथ आई थी, जिनमें से बाकी लोग भागने में कामयाब रहे।

कृष्णगंज पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर कृष्णनगर जिला अदालत में पेश किया और सीमा पर बाकी लोगों की तलाश तेज कर दी है।

दोनों मामलों ने सीमा सुरक्षा और अवैध घुसपैठ पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सीमा क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चला रही हैं ताकि घुसपैठियों की पहचान की जा सके।