
बीजिंग, 23 अप्रैल चीन के रोबोट भले ही इंसानों की तरह तेज न दौड़ पाएं पर वह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक व्यापक दौड़ में भी हैं।
पिछले सप्ताहांत शनिवार को चीन की राजधानी बीजिंग ने दुनिया की पहली हाफ मैराथन की मेजबानी की। इसमें दो पैरों वाले रोबोट भी लोगों के साथ दौड़े। चीन की तकनीकी प्रगति का यह अनूठा प्रदर्शन है।
एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, इस हाफ मैराथन में चीन निर्मित कुल 21 मानव रोबोट लगभग 12,000 लोगों के साथ शामिल हुए। विभिन्न आकार में निर्मित यह रोबोट मानव प्रशिक्षकों के साथ थे। उन्हें अलग ट्रैक पर दौड़ते समय कुछ दूर से नियंत्रित किया गया। चीन ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया है। बीजिंग ने कहा कि यह दौड़ कृत्रिम बुद्धिमत्ता में दुनिया की दो सबसे बड़ी शक्तियों, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती तकनीकी प्रतिद्वंद्विता के बीच हुई।
बीजिंग ने कहा कि हालांकि चीन अभी भी दूसरे स्थान पर है, लेकिन एआई और पेटेंट के मामले में वह दुनिया में सबसे आगे है और एआई मॉडलों की गुणवत्ता के मामले में अंतर को कम कर रहा है। इस साल की शुरुआत में चीन के स्टार्ट-अप डीपसीक ने चैटजीपीटी जैसा मॉडल बहुत कम लागत पर विकसित किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ही चीन सरकार ह्यूमनॉइड रोबोट को आर्थिक विकास के संभावित इंजन के रूप में बढ़ावा दे रही है। यह तब है जब ट्रंप प्रशासन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप्स पर अमेरिकी निर्यात नियंत्रण को कड़ा कर रहा है
बीजिंग ने कहा कि रोबोट-मानव दौड़ 2027 तक ह्यूमनॉइड रोबोट में विश्व नेता बनने के चीन के लक्ष्य की दिशा में एक और कदम है। इस हाफ मैराथन में बीजिंग इनोवेशन सेंटर ऑफ ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स के विजेता रोबोट तियांगोंग अल्ट्रा के टीम लीडर गुओ यिजी ने कहा कि इसमें 20 से अधिक रोबोट कंपनियों ने हिस्सा लिया। इनमें सबसे लंबा रोबोट 5 फीट 10 इंच और सबसे छोटा लिटिल जायंट 2.5 फीट से कम था। जब वह आगे बढ़ा और उत्साह से हाथ हिलाया तो भीड़ ने तालियां बजाईं। कुछ रोबोट बिलकुल इंसानों की तरह आसानी से दौड़े। कुछ अन्य की चाल अधिक सख्त और अधिक यांत्रिक रही।
बीजिंग इनोवेशन सेंटर ऑफ ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स में ब्रांड और जनसंपर्क प्रमुख वेई जियाक्सिंग ने कहा कि हमारा लक्ष्य ह्यूमनॉइड रोबोट को विभिन्न उद्योगों और घरों में एकीकृत करना है। वे उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। दक्षता में सुधार कर सकते हैं और श्रम की कमी को दूर करने में मदद कर सकते हैं। 21 रोबोट में से छह फिनिश लाइन तक पहुंच पाए। विजेता रोबोट तियांगोंग अल्ट्रा ने तीन बार बैटरी बदलने और एक बार गिरने के बाद दो घंटे और 40 मिनट में दौड़ पूरी की। इसकी तुलना पुरुषों की दौड़ के मानव विजेता के लिए 1 घंटे और 2 मिनट के समय से की जा सकती है।
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अनुसार, आज की लिथियम आयन बैटरी के लिए मूल्य शृंखला के हर चरण में वैश्विक बाजार में 70 फीसदी से 90 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हुए चीन बैटरी उद्योग पर हावी है। चीन दुर्लभ पृथ्वी के उत्पादन और प्रसंस्करण पर भी हावी है। यह रोबोट बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने मंगलवार को कहा कि उनके ऑप्टिमस ह्यूमनॉइड रोबोट का उत्पादन दुर्लभ पृथ्वी चुम्बकों पर निर्यात प्रतिबंधों से बाधित हुआ है। बीजिंग ने कहा कि दौड़ में लड़खड़ाने के बावजूद रोबोट धावकों ने राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाया।