
नई दिल्ली, 14 जुलाई । एक्सिओम-4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर लगभग 18 दिन बिताने के बाद पृथ्वी पर वापसी करने वाले हैं। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सबसे खास बात यह है कि शुभांशु ने वहां जो प्रयोग किए हैं, चाहे वे जीवन विज्ञान से संबंधित हों या वृक्षारोपण से, उनके लिए किट हमारे जैव प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरु और आईआईटी जैसे हमारे संस्थानों से उपलब्ध कराए गए थे। यानी स्वदेशी किट, स्वदेशी प्रयोग, स्वदेशी लोगों द्वारा किए गए प्रयोगों का लाभ देश ही नहीं दुनिया के अन्य देश उठाएंगे और उनका उपयोग करेंगे।
डॉ. सिंह ने सोमवार को मीडिया से कहा कि अंतरिक्ष में किए गए सभी प्रयोगों की कल्पना भी नहीं की गई थी। भारत की पहल पर शुभांशु ने पूरी दुनिया के लिए यह कर दिखाया है। पहली बार भारतीय मूल के प्रयोग किसी भारतीय व्यक्ति द्वारा दुनिया के लिए किए गए हैं।
‘एक्सिओम स्पेस’ के अनुसार, पृथ्वी पर 22.5 घंटे की यात्रा के बाद क्रू मेंबर्स के कैलिफोर्निया तट पर तड़के चार बजकर 31 मिनट (भारतीय समयानुसार मंगलवार को अपराह्न तीन बजकर एक मिनट) पर उतरने की उम्मीद है। इस मिशन का नेतृत्व कमांडर पेगी व्हिटसन कर रही हैं, जबकि शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। स्लावोस उजनान्स्की-विस्निव्स्की मिशन स्पेशलिस्ट हैं, जिनके साथ टिबोर कापू भी शामिल हैं। इस टीम ने अंतरिक्ष में 14 दिनों तक कई वैज्ञानिक रिसर्च किए जिसमें अंतरिक्ष में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करना, जैसे कि जीरो ग्रैविटी में शरीर की प्रतिक्रिया,
माइक्रोग्रैविटी स्थितियों में विभिन्न खाद्य पदार्थों को अंकुरित करना और उनके विकास का अध्ययन करना, जैसे कि हरा चना, मेथी और मूंग शामिल है।
कुल मिलाकर
31 देशों के 60 प्रयोग किए गए जिसमें विज्ञान और तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयोग शामिल हैं।