कोलकाता, 21 अप्रैल  । नौकरी गंवा चुके शिक्षकों ने सोमवार को करुणामयी स्थित स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कार्यालय की ओर मार्च करते हुए वहां अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उनका साफ कहना है कि जब तक आयोग 2016 की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी ‘योग्य-अयोग्य’ उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं करता, वे एसएससी दफ्तर के सामने से हटेंगे नहीं।

सोमवार दोपहर 12 बजे से सॉल्टलेक के करुणामयी इलाके में बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिकाएं और शिक्षाकर्मी जमा हुए। यहां से उन्होंने आयोग कार्यालय तक रैली निकाली और सामने ही धरने पर बैठ गए।

धरने पर बैठे लोगों में ‘संघर्षरत संयुक्त मंच’, ‘योग्य शिक्षक-शिक्षिका अधिकार मंच’ और ‘ग्रुप-सी, ग्रुप-डी शिक्षाकर्मी मंच’ के प्रतिनिधि शामिल हैं। उनका कहना है कि आयोग द्वारा सूची सार्वजनिक किए बिना वे वहां से नहीं हटेंगे।

2016 में स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूरी प्रक्रिया में भारी घोटाला हुआ है और इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। कोर्ट के आदेश से लगभग 26 हजार शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नौकरी रद्द कर दी गई है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन उम्मीदवारों पर भ्रष्टाचार या फर्जीवाड़े का कोई आरोप नहीं है, वे फिलहाल स्कूल जा सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा गया कि तीन महीने के अंदर आयोग को नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

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सूची जारी होगी या नहीं, संदेह बरकरार

आयोग ने शिक्षकों से यह वादा किया था कि 21 अप्रैल तक ‘योग्य’ और ‘अयोग्य’ की सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। यह बात 11 अप्रैल को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु, एसएससी चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार और आंदोलनरत प्रतिनिधियों की बैठक में कही गई थी। लेकिन सोमवार दोपहर तक भी सूची जारी नहीं हुई, जिससे नाराज़गी और असमंजस दोनों बढ़ते जा रहे हैं।

धरने पर बैठे शिक्षक नेताओं का कहना है कि सूची सिर्फ प्रकाशित करना काफी नहीं होगा, बल्कि उसमें क्या विवरण है, एसएससी अपनी गलती को स्वीकार करता है या नहीं, और सूची कितनी पारदर्शी है—इन सभी पहलुओं के आधार पर ही आंदोलन का अगला कदम तय किया जाएगा।

‘योग्य शिक्षक, शिक्षिका और शिक्षाकर्मी अधिकार मंच’ के संयोजक चिन्मय मंडल ने कहा, “हम सिर्फ सूची की मांग को लेकर नहीं बैठे हैं। अगर सूची में गड़बड़ी हुई या हमें संतुष्ट नहीं किया गया, तो सड़क जाम करके भी लगातार धरना जारी रहेगा।”

वहीं मंच के एक अन्य प्रतिनिधि मोहम्मद अब्दुल्ला अल मंज़ूम ने कहा, “एसएससी को यह स्पष्ट करना होगा कि वह अपनी जिम्मेदारी कब स्वीकार करेगा। अब केवल सूची नहीं, उसमें छिपी सच्चाई भी उजागर होनी चाहिए।”

धरनास्थल पर मौजूद शिक्षकों का कहना है कि अब आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे। सोमवार शाम को वे माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष रामानुज गंगोपाध्याय से भी मुलाकात करने वाले हैं। इससे पहले भी उन्होंने सरकार से कई बार गुहार लगाई है, लेकिन अब उन्हें सिर्फ कार्रवाई चाहिए।

स्थिति को देखते हुए साफ है कि अगर आयोग ने सूची जारी नहीं की, या उसमें पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती है।