कोलकाता, 22 फरवरी। गत मंगलवार को राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में कुछ भाजपा विधायक संदेशखाली गए थे। पुलिस ने भाजपा नेताओं को धामाखाली इलाके में रोक दिया था। इस दौरान भाजपा विधायकों-समर्थकों की पुलिस से नोकझोंक हुई थी। कथित तौर पर उस समय पगड़ी पहने एक पुलिस अधिकारी पर ”खालिस्तानी” बोला गया था। इसके विरोध में पश्चिम बंगाल के सिक्ख समाज का एक वर्ग लगातार आवाज उठा रहा है।
गुरुवार को सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मिलकर इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया। गुरुवार अपराह्न सिक्ख समुदाय के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा।
सिक्ख प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने दावा किया कि एक आईपीएस अधिकारी को ”खालिस्तानी” कहकर अपमानित करके शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सिक्खों की पगड़ी यानी ”पवित्रता” और ”आत्मसम्मान” का अपमान किया है।
सिक्ख प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक गुरुमीत सिंह ने दावा किया कि राज्यपाल ने खुद इस घटना की निंदा की है। हालांकि, राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखेंगे क्योंकि यह मामला राज्य का है। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने उन्हें राजभवन की जमीन पर पंजाबी बाग बनाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले शुक्रवार को राजभवन में भगत सिंह के चित्र का अनावरण करेंगे।
राजभवन से आश्वासन मिलने के बाद भी सिक्ख नेता विरोध की राह से नहीं हट रहे हैं। मुरलीधर सेन लेन स्थित पूर्व प्रदेश भाजपा मुख्यालय के सामने मंगलवार से लगातार धरना शुरू हो गया है। प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को यह भी कहा कि वे राजभवन से सीधे धरनास्थल पर जाएंगे। वहां शुभेंदु अधिकारी के पुतले का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दरअसल ”खालिस्तानी” टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। हालांकि, शुभेंदु अधिकारी आरोपों से इनकार किया है।