कोलकाता, 14 जुलाई। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आर्थिक अनियमितताओं के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष समेत पांच आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 467, 468 और सात के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई 22 जुलाई से शुरू होगी।

यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपा गया था। एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में संदीप घोष के अलावा अफसर अली, बिप्लब सिंह, सुमन हाजरा और आशीष पांडे को भी आरोपित बनाया है। सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

पूर्व डिप्टी सुपर की शिकायत पर दर्ज इस मामले में आरोप है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तीन वर्षों से भी अधिक समय तक चिकित्सा उपकरणों की खरीद के नाम पर टेंडर प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की गई। आरोप है कि संदीप घोष ने अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर दिलवाए। इसी आधार पर सीबीआई ने 29 नवम्बर 2024 को अलीपुर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

संदीप घोष इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए थे। उनसे कई दिन तक सीबीआई दफ्तर में पूछताछ की गई थी। बाद में बिप्लब, अफसर और सुमन को भी गिरफ्तार किया गया, और अंतिम गिरफ्तारी आशीष की हुई थी।

पिछले वर्ष नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के आपातकालीन विभाग की चौथी मंज़िल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। जांच में सामने आया कि उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या की गई थी। इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय राय को उम्रकैद की सज़ा सुनाई जा चुकी है।

उसी घटना के बाद आरजी कर अस्पताल में व्याप्त आर्थिक भ्रष्टाचार की परतें खुलनी शुरू हुईं। हत्या-बलात्कार मामले में सबूतों को मिटाने के आरोप में सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को भी हिरासत में लिया था। हालांकि, दोनों को दिसंबर 2024 में इस मामले में ज़मानत मिल गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में संदीप घोष अब भी जेल में हैं।