कोलकाता, 15 जून । कोलकाता मेट्रो ने अपने सबसे पुराने गलियारे पर स्टील की तीसरी रेल (जिसके जरिए बिजली गुजरती है) को एल्युमीनियम से बनी रेल से बदलना शुरू कर दिया है। इससे ऊर्जा खपत में 84 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित होगी। मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीसरी रेल प्रणाली कंडक्टर के माध्यम से ट्रेन को ऊर्जा प्रदान करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह काम पूरा हो जाने के बाद कोलकाता मेट्रो सिंगापुर, लंदन, मॉस्को, बर्लिन, म्यूनिख और इस्तांबुल की श्रेणी में आ जायेगी जहां तीसरे रेल को बदलने का काम पहले ही हो चुका है और सेवाएं सही ढंग से चल रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस बदलाव से प्रति किलोमीटर प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये की बचत होगी।
उत्तर-दक्षिण लाइन पर टॉलीगंज में दमदम स्टेशन से महानायक उत्तम कुमार स्टेशन तक वर्तमान स्टील वाली तीसरी रेल के स्थान पर उच्च संचालकता वाली एल्युमीनियम की रेल लगायी जाएगी जिसमें ऊपर स्टेनलेस स्टील होगा। मित्रा ने कहा कि जर्मनी की एक कंपनी को ठेका दिया गया है और दो सालों में यह काम पूरा हो जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि एल्युमिनियम तीसरी रेल से कार्बन उत्सर्जन में 50 हजार टन की कमी आयेगी।