नई दिल्ली, 23 अप्रैल । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास की क्रमिक निरंतरता सुनिश्चित करने, चुनावी व्यय को घटाने और देश के संसाधनों का राष्ट्रहित में उपयोग बढ़ाने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव आवश्यक है। शिवराज सिंह बुधवार को छात्र नेताओं द्वारा आरंभ किए गए एक नवीन मंच “स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन वन इलेक्शन” के तत्वावधान में डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय छात्र नेता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश के 31 राज्यों के छात्र नेता दिल्ली में एकत्र हुए हैं और सभी ने संकल्प लिया है कि बार-बार चुनाव होने से देश का विकास बाधित होता है, प्रगति बाधित होती है और जनकल्याण के कार्य प्रभावित होते हैं। इससे देश के धन और संसाधनों का दुरुपयोग होता है। इसलिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव हर पांच साल में एक बार एक साथ होने चाहिए ताकि पांच साल के लिए चुनी गई सरकारें देश और राज्यों की प्रगति और विकास के लिए एकजुट होकर काम कर सकें।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पांचों साल, 12 महीने चलने वाले चुनाव हमारे देश की प्रगति और विकास में बाधा हैं। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म नहीं हुए कि उसके चार माह बाद देश में लोकसभा चुनाव शुरू हो गए। लोकसभा चुनाव खत्म हुए नहीं कि हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव शुरू हो गए। ये चुनाव हुए नहीं कि दिल्ली का दंगल शुरू हो गया और अब सभी राजनैतिक दल व नेता बिहार और पश्चिम बंगाल के चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इन बार-बार होने वाले चुनावों में बड़ी मात्रा में धन खर्च होता है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित युवाओं से ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ के समर्थन में आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा खेल एवं युवा मंत्री मनसुख मांडविया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान मौजूद रहे। लोकतंत्र को और अधिक मजबूत, प्रभावी व संगठित बनाने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन के समर्थन में एकजुट करने के उद्देश्य से इस सम्मेलन में देशभर के 1,000 से अधिक छात्र नेताओं ने भाग लिया। छात्र नेताओं ने कहा कि हमारे देश के अनन्य संसाधन, बार बार होने वाले चुनावों के कारण बेवजह खर्च होते हैं। संसाधनों की इस बर्बादी से देश को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन की संकल्पना को समर्थन देने के बाद, यह विचार अब युवाओं के बीच एक मजबूत जनआंदोलन का रूप ले रहा है।