
कोलकाता, 17 जुलाई। कलकत्ता हाइकोर्ट में 18 जुलाई 2025 से लागू होने वाला एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया गया है। न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तेज बनाने के उद्देश्य से जजों के बीच मामलों के बंटवारे में बदलाव किया गया है, जिसमें डिवीजन बेंच और सिंगल बेंच दोनों स्तरों पर जिम्मेदारियां बदली गई हैं।
डिवीजन बेंच में बदलाव
अब तक ग्रुप दो शिक्षा से संबंधित मामलों की सुनवाई न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की बेंच में होती थी अब इन मामलों की जिम्मेदारी न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अपूर्व सिंह रॉय को सौंपी गई है। इस बदलाव को शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मामलों में नई दिशा देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
सिंगल बेंच में भी बदलाव
ग्रुप दो से संबंधित प्राथमिक और अन्य शिक्षा मामलों की सुनवाई अब तक न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य कर रहे थे, अब यह जिम्मेदारी न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज को दी गई है। इससे उम्मीद है कि प्राथमिक शिक्षा से संबंधित मामलों का निपटारा तेजी से हो सकेगा जल्द ही नतीजे पर पहुंच जाएगा।
32 हजार शिक्षक नियुक्ति रद्द मामला यथावत
सबसे महत्वपूर्ण मामला जो कि 32 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द मामले से जुड़ा हुआ है इस मामले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह मामला पहले की तरह न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की ही बेंच में रहेगा। यह मामला मुख्य न्यायाधीश के विशेष निर्देश पर उन्हें सौंपा गया था और जब तक इस पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक यह मामला उन्हीं के पास रहेगा। अगर न्यायमूर्ति स्वयं इस मामले से हटना चाहें तभी किसी अन्य बेंच को यह सौंपा जा सकता है।
इस बदलाव के बाद कानूनी और शैक्षणिक माहौल में चर्चा तेज हो गई है सभी की निगाहें अब इन नई बेंचों के कामकाज के तरीके और फैसलों पर टिकी हैं।