कोलकाता, 11 सितंबर। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य भवन के सामने जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन रात भर जारी रहा। कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार के सामने भी ऐसे ही डॉक्टर सारी रात बैठे रहे थे और दूसरे दिन बातचीत के लिए उनकी शर्तों पर पुलिस तैयार हुई थी।

जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को सीनियर्स का भी समर्थन मिल रहा है।सीनियर्स ने सारी रात डॉक्टरों के खाने-पीने के लिए हजारों पैकेट फूड, कोल्ड ड्रिंक और ड्राई फ्रूट्स भिजवाए। बुधवार सुबह जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के सामने नारेबाजी की।

प्रदर्शन में शामिल हुए पीड़िता के मां-बाप

पीड़ित परिवार ने प्रदर्शन में अपना समर्थन दिखाया है। पीड़िता के पिता ने प्रदर्शन स्थल पर कहा, “आशा करता हूं कि प्रशासन की समझ में यह बात आएगी। आप लोग धैर्य रखें, आप मजबूर होकर आंदोलन कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।” इस प्रदर्शन में पीड़िता की मां भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा, “मेरे बच्चे आज सड़कों पर हैं, इसलिए मैं घर पर नहीं रह सकी। मुख्यमंत्री लोगों से त्योहार में शामिल होने के लिए कह रही हैं, लेकिन मेरे लिए यही मेरा त्योहार है।” पीड़िता के भाई ने भी प्रशासन से जवाब मांगते हुए कहा, “प्रशासन क्या छिपाना चाहता है? इसे जवाब देना होगा।” उन्होंने आंदोलनकारी डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आप सभी का धन्यवाद, जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, कृपया हमारे साथ रहें।” आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पीड़िता की चाची ने कड़ा आक्रोश जताया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री कह रही हैं कि परिवार ने मुआवजे की मांग की है, क्या वह इसका कोई प्रमाण दे सकती हैं?” डॉक्टरों की प्रमुख मांग है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता के सभी दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

स्वास्थ्य भवन के सामने धरना दे रहे जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। बुधवार दोपहर आसनसोल दक्षिण की भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल जब स्वास्थ्य भवन परिसर में पहुंचीं तो वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने ‘गो बैक’ के नारे लगाए। हालांकि अग्निमित्रा का दावा है कि वह धरने को राजनीतिक रंग देने नहीं आई थीं बल्कि किसी अन्य काम से वहां मौजूद थीं। आंदोलनकारी डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा। एक जूनियर डॉक्टर किंजल नंदा ने कहा कि सरकार अगर सकारात्मक कदम उठाएगी तभी कोई निर्णय लिया जाएगा।

आम लोग भी आंदोलनकारियों के समर्थन में आगे आए हैं। बुधवार सुबह दक्षिण कोलकाता के एक स्कूल के अभिभावकों ने धरने पर बैठे डॉक्टरों के लिए भोजन की व्यवस्था की। इसके अलावा स्वास्थ्य भवन के पास आंदोलनकारी डॉक्टरों के लिए बायो-टॉयलेट भी लगाए गए हैं। जूनियर डॉक्टरों ने छह सूत्री मांगों के साथ अपना आंदोलन जारी रखा है। उनकी प्रमुख मांगों में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई दुष्कर्म एवं हत्या के दोषियों की तुरंत पहचान और सख्त सजा दिया जाना शामिल है। घटना से जुड़े सबूतों को नष्ट करने में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।