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महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने न्यूयार्क में दुनिया के सामने रखा भारत का दृष्टिकोण
न्यूयॉर्क, 12 फरवरी । भारत की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि भारत ने गरीबी, कुपोषण और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े मुद्दों के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। दुनिया में सतत विकास के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने यह विचार यहां 10 फरवरी से आयोजित पांच दिवसीय सामाजिक विकास आयोग (सीएसओसीडी) के 63वें सत्र में मंगलवार को व्यक्त किए। इस सत्र में फ्रांस, तुर्किये, सऊदी अरब और स्वीडन के मंत्रियों सहित 49 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक प्रगति में सामाजिक विकास आयोग के हर कदम पर साथ है। भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय ने सावित्री ठाकुर के संबोधन का ब्योरा जारी किया है।
सावित्री ठाकुर ने मंत्रिस्तरीय मंच पर भारत का दृष्टिकोण दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि भारत का दृढ़ मत है कि इस मामले में कोई भी पीछे न छूटे। 1995 के कोपेनहेगन सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन के बाद से भारत ने गरीबी, कुपोषण और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और महत्वपूर्ण प्रगति की है। आज का भारत ग्लोबल साउथ के लिए मॉडल बन चुका है। भारत सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के दृष्टिकोण से आगे बढ़ रहा है। भारत ने जैम ट्रिनिटी नीति (जन धन, आधार, मोबाइल) जैसी पहल के माध्यम से, वंचित समुदायों, महिलाओं, दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए वित्तीय समावेशन हासिल किया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने लैंगिक डिजिटल विभाजन को समाप्त करने के लिए व्यापक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा मिला है। इसने स्टार्ट-अप से लेकर स्केलेबल व्यवसायों तक लाखों महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया है। भारत विकास के लिए 2030 एजेंडे पर प्रगति को गति देने की दिशा में कार्य कर रहा है। प्रमुख प्राथमिकता महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बढ़ाना है। भारत के मजबूत सामाजिक सुरक्षा मॉडल में 26 सप्ताह का सवैतनिक मातृत्व अवकाश, 37.5 मिलियन माताओं के लिए मातृत्व लाभ, वन स्टॉप सेंटरों का विशाल नेटवर्क और एक एकीकृत राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन शामिल है। इसके अलावा, भारत की प्रारंभिक बचपन देखभाल, पोषण और शिक्षा पहल से 100 मिलियन से अधिक बच्चे, माताएं और किशोर लड़कियां लाभान्वित हो रही हैं।
सावित्री ठाकुर ने कहा कि भारत के अधिकार आधारित दृष्टिकोण ने महिलाओं और वंचित समुदायों के जीवन को बदल दिया है। गरीबों के लिए 40 मिलियन से अधिक घर बनाए गए हैं। महिलाएं इनकी या तो एकमात्र या संयुक्त मालिक हैं। लगभग 100 मिलियन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है। भारत वैश्विक प्रगति में तेजी लाने और सभी के लिए न्यायपूर्ण विश्व की दिशा में आयोग के प्रयासों का समर्थन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।