
लखनऊ, 15 जुलाई । बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ पीड़ित लड़कियों के लगाए गए सभी आरोपों की जांच शुरू हो गई है। अब ईडी, एटीएस और पुलिस छांगुर के गिरोह के उन करीबियाें पर शिकंजा कस रही हैं, जिनकी मदद से उसने करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का साम्राज्य खड़ा किया था। ईडी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन और उनकी संस्थाओं के 30 से ज़्यादा खातों में 68 करोड़ रुपये से ज़्यादा के लेन-देन का पता चला है। वहीं, उतरौला क्षेत्र में तीन-चार लोग ऐसे पाए गए जो कभी विदेश नहीं गए पर उनके खातों में पैसे आए हैं। ये लोग छांगुर के करीबी हो सकते हैं। एटीएस बैंक स्टेटमेंट के साथ ही अन्य साक्ष्य जुटा रही है। इन पर नजर रखा जा रहा है।
सरकारी जमीन कब्जा कर बनी करोड़ों की कोठी
उतरौला के मधपुर गांव में बनी आलीशान कोठी की कीमत 12 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है, जो अवैध कमाई से सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर बनाई गई थी। इसे धवस्त कर दी गई है। इस कार्रवाई में लगे खर्चें को भी आरोपित से वसूलेगी। कोठी का निर्माण करवाने वाले वसीउद्दीन ने पूछताछ में एटीएस काे बताया कि निर्माण कार्य वर्ष 2022 में शुरू हुआ था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पूरी कोठी को खंभों पर खड़ा किया था, ताकि छांगुर उसे अपनी इच्छानुसार कमरों में बांट सके। उसने बताया कि छांगुर ने उनसे कहा था कि वह एक स्कूल खोलना चाहता है। एक अस्पताल भी खोलेगा, लेकिन निर्माण के दौरान उसे देखने आने वाले और उनके कहने के हिसाब से निर्माण कार्य कराये जाने से उन्हें आभास हो गया था कि कोठी किसी गलत काम के लिए बनवाई जा रही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि छांगुर ने किसकी मदद से जमीन पर कब्जा करके इतनी आलीशान कोठी बनवायी। राजस्व विभाग अब इस पर भी जांच शुरू कर दी। इतना ही उस ठेकेदार को भी तलब किया जाएगा, जिसको कोठी बनाने का ठेका मिला था।
छांगुर के मददगार नेपाल सीमा पर भी मौजूद
जांच के दौरान पाया गया है कि छांगुर के कई मददगार नेपाल सीमा के पास भी मौजूद हैं। नवीन और नीतू उनसे अक्सर मिलते थे। इन लोगों के भी बैंक खातों की जांच की जा रही है। ईडी छांगुर और नीतू के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और लव जिहाद के आरोपों की जांच कर रही है। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें हवाला के जरिए लेन-देन और धर्म परिवर्तन के लिए प्रशिक्षण शामिल हैं। ईडी इस मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है।