100 घेसले और दो वाटर कूलर भी दिए

ओंकार समाचार

कोलकाता, 29 अप्रेल। तालाबों को स्‍वच्‍छ बनाए रखने के लिए गंगा मिशन ने तालाबों में मछलियां छोड़ने का  अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत तारकेश्‍वर में मंदिर के निकट स्थित दूध तालाब और आसपास के अन्‍य तालाबों में 20 हजार मछलियां छोडी गई। इसके साथ ही पक्षियों के आवास के लिए 100 घोसले भी वितरित  किए।इस मौके पर  आमजन को शीतल पेजल उपलब्‍ध करवाने के लिए दो वाटर कूलर भी भेट किए गए।

इस अवसर पर गंगा मिशन के राष्‍ट्रय सचिव प्रह्लाद राय गोयनका ने बताया कि तालाब हमारे पर्यावरण का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। तालाब हमारी जल संबंधी आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के साथ साथ हजारों जीव जंतुओं और पशु पक्षियों को आश्रय और आहार उपलब्‍ध करवाते हैं। भूमिगत जल के स्‍तर को बनाए रखते हैं। तालाबों को स्‍वच्‍छ और प्रदूषण मुक्‍त रखना हमारी जिम्‍मेदारी है। गोयनका ने बताया कि तालाबों का अपना ईको सिस्‍टम होता है। अपने ईको सिस्‍टम के जरिये तालाब अपने आप को स्‍वच्‍छ करते रहते हैं। मछलिया तालाबों के ईको सिस्‍टम का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होती है। वह तालाब में पनपने वाली गंदगी कों खाकर तालाब को स्‍वच्‍छ बनाए रखती है। मछलियां तालाब में रहेंगी तो तालाब स्‍वच्‍छ और प्रदूषण से मुक्‍त रहेगा।

मौके पर मौजूद तारकेश्‍वर नगरपरिषद के चेयरमैन उत्‍तम दा ने तालाबों को पर्यावरण के लिए जरूरी बताया और लोगों से तालाब को प्रदूषित नहीं करने की अपील की।

पक्षियों के लिए घोसले प्रदान करते हुए श्रीमती निर्मला गोयनका ने कहा कि पक्षी हमारे ईको सिस्‍टम का सबसे अहम अंग हैं। पक्षी अपने कलरव से हमारे आसपास के वातावरण को मधुर और सरस तो  बनाते ही हैं, इसके अलावा वे मानव स्‍वास्‍थ्‍य और हमारी फसलों के लिए हानिकारक कीटपतंगों  को अपना आहार बना कर हमें उनसे बचाते हैं।

इस अवसर पर गंगा मिशन के वरिष्‍ठ पदाधिकारी संदीप बजाज, प्रीती बजाज,पार्षद रूपा भी मौजूद रहे। सभी ने उपस्थित ग्रामीणों को प्रदूषण के खतरों से अवगत कराया।