नयी दिल्ली 03 नवंबर। सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न निवारक उपायों के बावजूद, राष्ट्रीय राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई और विभिन्न स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक को पार कर गया। इसके कारण दिल्ली में सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, लोधी रोड इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया, जबकि जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास 473 दर्ज किया गया। सबसे खराब एक्यूआई मुंडका में 498 दर्ज किया गया और इसके बाद बवाना में 496 दर्ज किया गया।

इसके अलावा राजधानी से सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नोएडा में कई स्थानों पर एक्यूआई भी ‘गंभीर’ श्रेणी में गिर गया। नोएडा के सेक्टर 62, सेक्टर 1 और सेक्टर 116 में एक्यूआई क्रमशः 483, 413 और 415 दर्ज किया गया।

बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, ग्रैप स्टेज-3 लागू कर दिया है। इसने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया है।

समिति ने धूल दमन के साथ-साथ दैनिक पानी का छिड़काव सुनिश्चित करने और सड़कों की वैक्यूम-आधारित सफाई की आवृत्ति को तेज करने के लिए भी कहा है।

गुरुवार को सरकार ने सभी प्राथमिक स्कूलों को दो दिनों (शुक्रवार और शनिवार) के लिए बंद करने का आदेश दिया। यह दिल्ली, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बौद्ध नगर में गैर-आवश्यक निर्माण गतिविधियों और बीएस -3 पेट्रोल और बीएस -4 डीजल कारों के संचालन पर लगाए गए प्रतिबंध के अतिरिक्त है।

प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए, शहर सरकार ने वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ लॉन्च किया है और सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 1,000 निजी सीएनजी बसों को किराए पर लेने की योजना बनाई है।

दिल्ली मेट्रो भी आज यानी शुक्रवार से अपने नेटवर्क पर अतिरिक्त 20 यात्राओं द्वारा अपनी ट्रेन सेवाओं को बढ़ाने के लिए तैयार है।

डीएमआरसी ने एक आधिकारिक घोषणा में कहा,“दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए जीआरएपी-III के कार्यान्वयन के आलोक में, डीएमआरसी शुक्रवार से अपने नेटवर्क पर 20 अतिरिक्त ट्रेन यात्राएं शुरू करेगी।”

खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण वैज्ञानिक अगले दो हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में अनुमानित वृद्धि के बारे में आगाह कर रहे हैं।

इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञ विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा तथा श्वसन संबंधी समस्याओं में संभावित वृद्धि को लेकर चिंतित हैं।