
कोलकाता, 21 अप्रैल ।रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन पर दुनियाभर में शोक की लहर दौड़ गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर के सालबोनी में एक विद्युत परियोजना की आधारशिला रखते हुए पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा कि हम उनके निधन से दुखी हैं, यह मानवता के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक संदेश साझा करते हुए लिखा, “पवित्र पोप फ्रांसिस, रोमन कैथोलिक चर्च के नेता के निधन की सूचना से दुखी हूं। वह कैथोलिक जगत में सबसे उच्च सम्मानित हस्ती थे और दुनिया भर के अरबों ईसाई उन्हें अपने सर्वोच्च धर्मगुरु के रूप में पूजते थे। मेरा हृदय भारत और दुनिया भर के अपने ईसाई भाइयों-बहनों के साथ है। इस गहरे दुख और संवेदना की घड़ी में मैं पूरी तरह उनके साथ खड़ी हूं।”
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी एक्स पर पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, “पवित्र पोप फ्रांसिस का निधन केवल कैथोलिकों के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए गहरा आघात है, जिन्होंने उन्हें साहस, सहिष्णुता और नैतिक स्पष्टता के प्रतीक के रूप में देखा।”
डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने पोप के ईस्टर संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता, विचारों की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दूसरों के विचारों के सम्मान के बिना शांति संभव नहीं। उन्होंने कहा कि पोप के ये शब्द आज की दुनिया के अंतर्मन को आईना दिखाने वाले रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह 7:35 बजे निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वे इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे जिन्होंने अपनी सादगी, गरीबों के प्रति संवेदना और पर्यावरण के प्रति चिंता से विश्वभर में एक अलग पहचान बनाई। वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल ने बताया कि पोप का पूरा जीवन प्रभु और चर्च की सेवा में समर्पित रहा।
पोप फ्रांसिस लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। वर्ष 2025 में 14 फरवरी को उन्हें श्वसन संकट के चलते जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उन्हें निमोनिया हो गया था।